तिरुवनंतपुरम। केरल के मुख्यमंत्री की बेटी वीणा विजयन की आईटी कंपनी के खिलाफ जांच संबंधी केंद्र के कथित आदेश के बाद कांग्रेस ने शनिवार को राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी माकपा और राज्य उद्योग विभाग से स्पष्टीकरण मांगा। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने एक निजी खनिज कंपनी और वीणा की आईटी फर्म के बीच वित्तीय लेन-देन की शिकायतों की जांच का आदेश दिया था, जिसने हाल में दक्षिणी राज्य में एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया था। अधिकारियों ने पुष्टि की कि कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के महानिदेशक कार्यालय के एक संयुक्त निदेशक ने जांच का आदेश दिया है।यह कार्यालय कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के तहत आता है। संयुक्त निदेशक मोहम्मद शकील ने भेजे गए संदेशों का, या फोन करने पर कोई जवाब नहीं दिया। इस मुद्दे को लेकर पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और उनकी बेटी के खिलाफ आरोप लगा रहे कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनदान ने शनिवार को कहा कि जब उन्होंने वीणा की आईटी कंपनी के खिलाफ आरोप लगाये थे, तब माकपा राज्य सचिवालय ने उनका बचाव करते हुए एक प्रेस बयान जारी किया था।उन्होंने कहा, ‘‘प्रेस बयान में, उन्होंने आधिकारिक तौर पर वीणा का बचाव करते हुए कहा था कि यह दो कंपनियों के बीच एक पारदर्शी सौदा था और उनके लेन-देन में कुछ भी संदिग्ध नहीं है।’’ कुझालनदान ने कहा, ‘‘इसलिए, मैं वर्तमान संदर्भ में इस मामले पर माकपा राज्य सचिवालय की प्रतिक्रिया जानना चाहूंगा।’’ कांग्रेस विधायक ने यह भी जानना चाहा कि क्या लोक निर्माण विभाग मंत्री और वीणा के पति पी ए मोहम्मद रियास केंद्र की जांच को एक स्वाभाविक प्रक्रिया के रूप में देखते हैं।उन्होंने कहा कि राज्य के उद्योग मंत्री पी राजीव की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह जनता को बताएं कि किस परिस्थिति में उनके विभाग के तहत राज्य संचालित केरल राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (केएसआईडीसी) को इस मुद्दे पर केंद्र द्वारा नोटिस जारी किया गया था। केरल में, हाल में कोच्चि स्थित निजी खनिज कंपनी और मुख्यमंत्री विजयन की बेटी वीणा एवं उनकी आईटी फर्म के बीच कुछ वित्तीय लेन-देन को लेकर यह विवाद पैदा हुआ है।