पटना। बिहार सरकार ( Bihar govt) ने मंगलवार को राज्य के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यरत लगभग 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को स्थायी कर्मचारी का दर्जा देने का फैसला किया है। इस आशय का निर्णय मंगलवार को मुख्यमंत्री (CM) की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में लिया गया।
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्दार्थ कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल ने ‘‘बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023’’ को स्वीकृति प्रदान कर दी है । उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के तुरंत बाद ये संविदा पर कार्यरत शिक्षक स्थायी सरकारी कर्मचारी की स्थिति के साथ विशिष्ट शिक्षक के रूप में जाने जाएंगे।
सिद्धार्थ ने कहा कि इन विशिष्ट शिक्षकों को नया वेतनमान पाने और प्रोन्नति के लिए भविष्य में तीन मौका दिया जाएगा और उनमें से जो विभागीय परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सकेंगे उनके बारे में सरकार बाद में निर्णय लेगी । उन्होंने कहा कि परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इन शिक्षकों की वेतन संरचना को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार संशोधित किया जाएगा।
कैबिनेट ने इसके अलावा राज्य की नई पर्यटन नीति बिहार पर्यटन नीति 2023 को भी मंजूरी दे दी है जिसके अन्तर्गत राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत संरचनागत, समग्र समावेशी विकास एवं निवेश को प्रोत्साहन देना है। नई नीति के तहत सरकार राज्य में विश्व स्तरीय पर्यटन सुविधाओं का विकास करेगी।
सरकार राज्य में पर्यटक स्थलों पर होटल, रेस्तरां और रिसॉर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए अनुदान और अन्य पर वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। बिहार कैबिनेट ने राज्य में पूर्व से स्वीकृत सभी 7115 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को सामान्य आंगनवाड़ी केन्द्रों में उत्क्रमित करने एवं उन्हें संचालन के लिए केन्द्रांश, राज्यांश एवं राज्य योजना मद में एक सौ छत्तीस करोड़ दस लाख अठाईस हजार तीन सौ पचास रूपये की स्वीकृति प्रदान कर दी र्है।
कैबिनेट ने सीतामढी के रीगा में स्थित चीनी मिल का पुनः परिचालन के निमित उस क्षेत्र के गन्ना कृषकों के पूर्ववर्ती पेराई सत्रों का बकाये ईख मूल्य मूलधन की कुल राशि 51,30,91,296 रूपये रूपये भुगतान करने के लिए राशि उपलब्ध कराने एवं व्यय की स्वीकृति दे दी है । बिहार कैबिनेट द्वारा मंगलवार को कुल 29 एजेंडों पर निर्णय लिया गया।