Jharkhand: खूंटी के बूढ़ी रोमा गांव में खरसीदाग पुलिस का आतंक, महिलाओं को भी नहीं बक्शा

ब्लॉउज फाड़े, मारपीट थर्ड डिग्री टॉर्चर,चीख पुकार और हंगामा

रात के 12 बजे पूछताछ के एक युवक को पकड़ने गयी पुलिस का कारनामा
हंगामा बढ़ा तो 17 घंटे के बाद सादे कागज़ पर हस्ताक्षर करवाकर छोड़ा
नामकुम और खरसीदाग के दो दरोगा पर जांच के आदेश

आशीष सिंह
रांची। रात के अँधेरे में खरसीदाग आउट पोस्ट की पुलिस का कारनामा सामने आया है। आरोप है कि रात्रि 12 बजे के आसपास खरसीदाग आउट पोस्ट के सब इंस्पेक्टर सुधांशु कुमार ने खूंटी के बूढ़ी रोमा गांव में साइकिल का पंचर बनाने वाले सुजीत कुमार के घर में जमकर कोहराम मचाया। घर की महिलाओं के साथ मारपीट की।

सबसे गंभीर आरोप यह लगाया गया है कि प्रतिरोध करने वाली महिलाओं के साथ सब इंस्पेक्टर सुधांशु कुमार ने अभद्रता की और उसके ब्लॉउज को फाड़ दिया। पूरे मामले पर हंगामा मचा हुआ है और मामले को दबाने की पूरी कोशिश की जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक खरसीदाग के सब इंस्पेक्टर को यह सूचना मिली थी कि बूढ़ी रोमा गांव में साइकिल का पंचर बनाने वाले सुजीत कुमार का उनके थाना क्ष्रेत्र से गायब एक लड़की के बारे में कोई जानकारी है।

हालाँकि उक्त लड़की के लापता होने वाले मामले और दर्ज रिपोर्ट में सुजीत कुमार का नाम कहीं से दर्ज नहीं है। बावजूद इसके पूछताछ का हवाला देकर खरसीदाग आउट पोस्ट के सब इंस्पेक्टर सुधांशु कुमार ने बिना महिला पुलिस के सुजीत कुमार के घर में घुसकर मारपीट की और उसे घसीट कर थाने ले गयी और 17 घंटे हिरासत में रखने के बाद उसे सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाकर छोड़ दिया है। इस दौरान उसे नामकुम थाना भी लाया गया, जहाँ उसके साथ अमानवीय सुलूक किया गया। सूत्रों के मुताबिक इन सबके पीछे एक राजनैतिक दल से संबंध रखने वाली की एक महिला लक्ष्मी बाखला का नाम सामने आ रहा है। जिसके साथ सुजीत कुमार का पुराना घरेलू विवाद सामने आ रहा है।

पुलिस पर थर्ड डिग्री टॉर्चर और प्राइवेट पार्ट से छेड़ छाड़ का आरोप

खरसीदाग आउट पोस्ट के सब इंस्पेक्टर सुधांशु कुमार पर आरोप है कि उसने बूढ़ी रोमा गांव के सुजीत कुमार को थाने में लाकर थर्ड डिग्री टॉर्चर किया। उसके साथ मारपीट की और उसके प्राइवेट पार्ट के साथ भी छेड़ छाड़ की । आउटपोस्ट थाने में 12 घंटे तक रखा। थाने में सामाजिक कार्यकर्ताओं और परिजनों के हंगामे के बाद उसे नामकुम थाना भेज दिया । जहाँ नामकुम थाने के सब इंस्पेक्टर सूरज सिंह ने भी उसे शारीरिक और मानसिक यातना देकर उसे प्रताड़ित किया।
टॉर्चर के दौरान वीडियो बनाई , वीडियो कॉल पर उठ रहे सवाल !
इस पूरे मामले पर खरसीदाग और नामकुम पुलिस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, पीड़ित सुजीत कुमार ने इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस के वरीय पदाधिकारी को लिखित तौर पर दी है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि नामकुम थाने में खरसीदाग आउट पोस्ट के सब इंस्पेक्टर सुधांशु कुमार ने उसके मारपीट की वीडियो बनाई और वीडियो कॉल पर किसी अनजान को उसके टॉर्चर की वीडियो दिखाई। सुजीत कुमार ने कहा है कि वह लगातार खूंटी और आसपास के इलाके में ह्यूमेन ट्रैफिकर के बड़े गैंग के निशाने पर रहा है। बचपन में उसे दिल्ली में बेच दिया गया था। वह लोग उनके आसपास के गांव के ही हैं , जिसकी संरक्षक खूंटी की रहने वाली लक्ष्मी बाखला नाम की एक दबंग प्रवृति कि महिला है। सुजीत ने बताया कि ह्यूमेन ट्रैफिकर के गैंग के छुटकारा मिलने के बाद वह उनके खिलाफ लगातार आवाज बुलंद करता रहा है और लक्ष्मी बाखला के खिलाफ मीडिया में बयान देने कि वजह से उनको निशाने पर लिया गया। सुजीत ने वित्त मंत्री को दिए आवेदन में कहा है कि वीडियो कॉल पर सब इंस्पेक्टर सुधांशु कुमार ह्यूमेन ट्रैफिकर के साथ जुड़े थे और लक्ष्मी बाखला वीडियो कॉल पर ठहाके लगाकर हस रही थी।
वित्त मंत्री ने दिए मामले के जांच के आदेश
झारखण्ड के वित्त मंत्री रामेश्वर उराव ने बूढ़ी रोमा गांव में खरसीदाग और नामकुम पुलिस के मामले की जांच के आदेश दिया है। पूरे मामले की जांच रांची के ग्रामीण एसपी कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि मामला काफी संगीन है। अगर इस तरह कि घटना घटी है तो काफी निंदनीय और गैरकानूनी है। पुलिस जांच के नाम पर निर्दोष को तंग करे यह सही नहीं है, इस तरह के मामले में पुलिस की भूमिका कि हर हाल में जाँच होगी। ग्रामीण एसपी की रिपोर्ट आने का इन्तजार कर रहा हूँ।

वित्त मंत्री से मिली पीड़िता, चीफ सेक्रेटरी और मुख्यमंत्री तक पहुंचा मामला

पीड़ित सुजीत कुमार ने इस पूरे मामले की लिखित शिकायत ना केवल वित्त मंत्री बल्कि चीफ सेक्रेटरी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की है।
सुजीत ने बताया कि पुलिस का यह रवैया बेहद डरावना और खतरनाक था। पुलिस टॉर्चर के 17 घंटे मैं जीवन में कभी नहीं भूल सकता हूँ। यह यकीन कारण काफी मुश्किल हो जाता है कि ह्यूमेन ट्रेफेकर के संबंध पुलिस के कुछ खास लोगों के साथ है। इस तरह के मामले में दोषी पुलिस के खिलाफ निष्पक्ष और ईमानदारी से जांच होनी चाहिए। सुजीत ने बताया कि वह भी डॉक्टर्स की निगरानी में मेडिकल ट्रीटमेन्ट पर है। बेहतर ईलाज के लिए पैसे तक नहीं है।

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