देहरादून । उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ( Uttarakhand Pradesh Congress) अध्यक्ष करन माहरा ने केन्द्रीय मंत्री जन. वीके सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) द्वारा उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में लगभग 15 दिन से फंसे मजदूरों के बचाव कार्य के लिए अंतिम समय पर सिल्क्यारा टनल के बाहर उत्तरकाशी के मातली में अस्थाई कैंप लगाये जाने को भाजपा की श्रेय लूटने वाली तुच्छ मानसिकता बताते हुए कहा कि बड़े शर्म की बात है कि इस मशीनी युग में एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा भाजपा नेता चांद पर उतरने का झूठा श्रेय ले रहे हैं वहीं इतने दिन बाद भी सुरंग में फंसे मजदूरों को नहीं निकाला जा सका है और अब जब रात दिन की कडी मेहनत के बाद बचाव फोर्स द्वारा इन्हें निकालने का काम किया जा रहा है तो अंतिम समय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह श्रेय लूटने की जुगत में हैं।
करन माहरा ने कहा कि पूर्व में रैणी चमोली में हुए सुरंग हादसे के बावजूद भाजपा सरकार ने सबक नहीं लिया तथा अब सिल्क्यारा में अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए बचाव दल के कर्मचारियों द्वारा दिन-रात किए गए कामों का श्रेय लेने की मंशा से वहां पर डेरा जमा दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री की इस प्रकार की शैली से न केवल रेस्क्यू कार्यों में बाधा उत्पन्न होगी अपितु सरकारी कामकाज भी प्रभावित होंगे। उन्होंने सिल्क्यारा सुरंग में मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में दिन रात लगे मजदूरों, कर्मचारी, इंजीनियर, भूवैज्ञानिक, सरकारी अधिकारियों, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ जवानों के साथ-साथ नार्वे, ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य पांच देशों के एक्सपर्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि भाजपा हमेशा दूसरों की मेहनत का श्रेय लेती रही है तथा उसके नेताओं को ऐसे संकट के समय भी केवल राजनीति सूझती है।
उन्होंने भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री पर आपदा में अवसर तलाशने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैंप कार्यालय के माध्यम से मॉनिटरिंग का ढोंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अच्छा होता अगर भाजपा सरकार ने चमोली रैणी घटना से सबक लिया होता तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी नाकामियों की ओर ध्यान देते टनल बनाते वक्त यदि भू वैज्ञानिकों के साथ-साथ एक्सपर्ट्स की राय को माना जाता टनल बनाते समय वहां काम कर रहे मजदूरों और कर्मचारियों की सुरक्षा के साथ-साथ सुरक्षा उपकरण और आपातकालीन समय में बचाव के लिए विशेष ध्यान रखा जाता तो आज सरकार की कमियों के चलते 41 मजदूरों की जान को जोखिम में नहीं पड़ती।
करन माहरा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर की शर्मनाक एवं हिंसक घटनाओं के प्रति आज भी संवेदनहीन बने हुए हैं। संसद में एक-एक घंटा भाषण देने वाले मोदी मणिपुर पर अपने होंट सिले हुए हैं इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पास क्रिकेट मैच देखने के लिए तो पूरा समय है परन्तु अपने देश के एक राज्य मणिपुर की बेसहारा महिलाओं का दर्द नहीं दिखाई देता, जिस पार्टी के प्रधान सेवक मणिपुर के लोगों पर अत्याचार पर मौन साधे हों, मणिपुर की बेटियों को जिस प्रकार सार्वजनिक रूप से निर्वस्त्र कर घुमाये जाने पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री आंखें बन्द कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि बात-बात में उत्तराखण्ड के सैर-सपाटे पर पहुंचने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिल्क्यारा जैसी घटना के बावजूद केवल दूरभाष पर अपने दायित्वों की इतिश्री कर लेते हैं दूसरी ओर अपने दोगले मुंह से वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते हैं यह समझ से परे है।