नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय( Delhi High Court) ने कथित आबकारी नीति ( Excise policy) घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में व्यवसायी अमित अरोड़ा को अंतरिम जमानत देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। शराब कंपनी बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अरोड़ा ने अपनी बेटी के खराब स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत दिये जाने का अनुरोध किया था।
अदालत ने एक अलग आदेश में आबकारी नीति से संबंधित मामलों में व्यवसायी अमनदीप सिंह ढल की यहां ‘इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर’ में चिकित्सा जांच और इलाज की अवधि बढ़ाने से भी इनकार कर दिया। इन मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की जा रही है।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि ब्रिंडको सेल्स के निदेशक ढल की वर्तमान चिकित्सा स्थिति स्थिर है और उन्हें अस्पताल में और भर्ती रहने की आवश्यकता नहीं है। ढल को पिछले महीने तीन सप्ताह के लिए अस्पताल में भर्ती रखने निर्देश दिया गया था। अरोड़ा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि अदालत उनके द्वारा मांगी गई राहत देने के लिए इच्छुक नहीं है और कहा कि वह कथित तौर पर एक गंभीर अपराध में शामिल हैं और मामले में ‘‘पूरी साजिश’’ के संबंध में जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है। अदालत ने हालांकि उन्हें नियमों के अनुसार जेल से वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिये अपनी बेटी के साथ बातचीत करने की अनुमति दी।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह अदालत आरोपी को अंतरिम जमानत देने की इच्छुक नहीं है। इसलिए वर्तमान अंतरिम जमानत याचिका खारिज की जाती है।’’ सीबीआई और ईडी के अनुसार, 2021-22 के लिए दिल्ली आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
इस नीति को अब रद्द किया जा चुका है। धनशोधन का मामला सीबीआई की प्राथमिकी से सामने आया है। दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद आबकारी नीति सवालों के घेरे में आ गई थी। इस मामले में फिलहाल जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं।