भोपाल। कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सिंधिया परिवार को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर मध्यप्रदेश(MP) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन पर हमला बोलते हुए आज कहा कि ये अहंकार की पराकाष्ठा है और मध्यप्रदेश इसके लिए उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।
चौहान ने एक्स पर वाड्रा को संबोधित करते हुए पोस्ट किया, ‘यह आपके अहंकार की पराकाष्ठा है! मध्यप्रदेश और जनता की सेवा के लिए जीवन पर्यंत समर्पित रहे माधवराव सिंधिया ( Madhavrao Scindia) जैसे व्यक्तित्व के लिए आपने जिन शब्दों का प्रयोग किया, वह न केवल जनभावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है, बल्कि हृदय को तार-तार कर देने वाला भी है। राजनीतिक लाभ के लिए व्यक्तिगत आक्षेप अत्यंत अशोभनीय और निंदनीय है। प्रियंका जी, मध्यप्रदेश और देश आपकी अभद्र व असहनीय टिप्पणी एवं अहंकार से भरे शब्दों के लिए कभी माफ नहीं करेगा।’
दरअसल वाड्रा ने कल एक चुनावी सभा में केंद्रीय मंत्री ज्यातिरादित्य सिंधिया पर हमला बोलते हुए कहा था कि उनका कद छोटा है, पर अहंकार बहुत बड़ा है।
इसी क्रम में उन्होंने पूरे सिंधिया खानदान पर हमला बोलते हुए यहां तक कह दिया था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने परिवार की परंपरा का बहुत अच्छे से पालन किया है। वाड्रा के संबोधन के जवाब में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा था कि प्रियंका गांधी में इन दो परंपराओं के फ़र्क़ को समझने की क्षमता हो, इसकी आशा वे नहीं करते।
इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि किस परिवार के सपूतों ने अफ़ग़ानों से लेकर मुग़लों और अंग्रेजों तक से भारत माता की रक्षा हेतु अपनी जान की क़ुर्बानी दी थी, और किसने चीन से भारत की रक्षा करना तो दूर, उन्हें भारतीय ज़मीन ही भेंट के रूप में दे दी थी ? किस परिवार की दूसरी पीढ़ी ने सत्ता के लोभ में इमरजेंसी लगायी थी? और आज भी किस परिवार की वर्तमान पीढ़ी स्वयं विदेशी मंचों पर जाकर देश को बदनाम कर रही है? क़ाबिलियत को क़द से तोलने वाले अहंकार का पाठ पढ़ाने से पहले, कृपया स्वयं आईने में झांक लें।
उन्होंने आक्रामक लहजे में कहा था कि भ्रष्टाचारियों और वादाख़िलाफ़ियों के शासन को बार बार सिंधिया परिवार ने बदला है, और पुनः आपका सूपड़ा साफ़ मध्यप्रदेश से जनता करने जा रही है।
इस पूरे विवाद को लेकर आज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने चौहान को संबोधित करते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि उन्होंने आज वाड्रा पर जैसे आरोप लगाए हैं, उससे खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे की कहावत याद आती है। उन्होंने कहा कि चौहान जिन ‘गद्दारों’ के सगे बन रहे हैं उनके लिए सबसे पहले ‘विभीषण’ शब्द का प्रयोग उन्होंने ही किया था।