नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश नहीं होंगे। ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejriwal)को दिल्ली आबकारी नीति मामले में आज पेश होने के लिए बुलाया है।
प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी के सवालों का जवाब देने से पहले केजरीवाल ने कहा कि पूछताछ के लिए भेजा गया नोटिस गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के कहने पर नोटिस भेजा गया है। इसे इसलिए भी भेजा गया, ताकि मैं चार राज्यों में होने वाले चुनाव प्रचार नहीं कर सकूं. नोटिस को तुरंत वापस लिया जाए।इस बीच प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन जारी कर उन्हें पूछताछ के लिए बृहस्पतिवार को बुलाए जाने के मद्देनजर मध्य दिल्ली में पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत बड़ी संख्या में कर्मियों को तैनात किया है ताकि आम आदमी पार्टी (AAp) के कार्यकर्ताओं को केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय के आसपास एकत्र होने से रोका जा सके।
दिल्ली में सत्तारूढ़ ‘आप’ ने इस बारे में चुप्पी साध रखी है कि मुख्यमंत्री निदेशालय के समक्ष पेश होंगे या नहीं। प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाला मामले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है। प्रवर्तन निदेशालय पूर्वाह्न 11 बजे केजरीवाल के एजेंसी के दिल्ली स्थित कार्यालय में पेश होने के बाद उनका बयान दर्ज करेगी। एक अधिकारी ने बताया कि ‘आप’ कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन की आशंका के कारण तुगलक रोड स्थित ईडी के कार्यालय पर कई चरणों के अवरोधक लगाए गए हैं और बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है। मध्य दिल्ली के डीडीयू मार्ग स्थित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय की ओर जाने वाली सड़कों पर भी पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। आईटीओ क्षेत्र में ‘आप’ कार्यालय के पास भी अवरोधक लगाए गए हैं।
सुरक्षा व्यवस्था के कारण मध्य दिल्ली में आईटीओ, विकास मार्ग और इंडिया गेट के पास मामूली रूप से यातायात जाम रहा। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली सरकार की अब रद्द की जा चुकी 2021-22 आबकारी नीति की जांच कर रहे हैं, जो कथित तौर पर कुछ शराब डीलर के पक्ष वाली थी, लेकिन ‘आप’ ने इस आरोप का पूरी तरह से खंडन किया है। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पिछले साल जुलाई में नीति निर्माण और इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।