ई-चालान और कुछ प्रोडक्ट के इंपोर्ट के नियमों में हो सकता है बदलाव

नई दिल्ली।  देश में हर नया महीना नए बदलावों को लेकर आता है। ये बदलाव सीधा आम आदमी की जेब पर असर डालते हैं। हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों को तय किया जाता है, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ता है। इस बार ई-चालान (  E-Invoice)और कुछ प्रोडक्ट के इंपोर्ट के नियमों में भी बदलाव हो सकता है। तो आइए जानते हैं इन बदलावों के बारे में।

नवंबर से एलपीजी रसोई गैस ( LPG )की कीमतों में बदलाव होने जा रहा है। एलपीजी गैस की कीमतों के अलावा सीएनजी (CNG) और पीएनजी की कीमतों में भी बदलाव हो सकते हैं। त्योहारों को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि इस दौरान कमर्शियल सिलेंडर के दामों में वृद्धि हो सकती है। साथ ही यह भी हो सकता है कि कीमतों में कोई बदलाव न हो।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के मुताबिक, सौ करोड़ रुपये या उससे ज्यादा के कारोबार वाले बिजनेस को एक नवंबर से 30 दिनों के अंदर ई चालाना पोर्टल पर जीएसटी चालान अपलोड करना होगा। जीएसटी अथॉरिटी ने ये फैसला सितंबर में लिया था।

30 अक्तूबर तक सरकार ने HSN 8741 कैटेगरी के अंदर आने वाले लैपटॉप, टैबलेट और कई इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट के इंपोर्ट पर छूट दी थी। हालांकि, एक नवंबर से सरकार इसको लेकर नियमों में बदलाव करेगी या नहीं? इस विषय पर सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने बीते 20 अक्टूबर को ऐलान किया था कि वह 1 नवंबर से इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट पर लेनदेन शुल्क बढ़ाएगा। ये बदलाव एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स ऑप्शंस पर लगाए जाएंगे। लेनदेन की लागत बढ़ाने से व्यापारियों इसमें भी विशेषकर खुदरा निवेशकों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

अगर आपकी कोई भी एलआईसी पॉलिसी बंद हो गई है तो उसे आप 31 अक्टूबर तक चालू करा सकते हैं। पॉलिसी को 31 तारीख तक बिना किसी समस्या के शुरू कराया जा सकता है।

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