नई दिल्ली। ‘हैकिंग’ चेतावनियां (Hacking’ warnings) मिलने के विपक्षी सांसद के दावों पर एप्पल( apple) ने अपना बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं पता है कि यह चेतावनी कैसे जारी हुई है, हो सकता है कि ये एक फॉल्स अलार्म हो। एप्पल ने कहा कि इस बारे में जानकारी नहीं दे सकते कि किस वजह से खतरे की चेतावनी (warning) दी जाती है क्योंकि इससे राज्य प्रायोजित हमलावरों को बचने में मदद मिल सकती है। आगे कहा कि खतरे की चेतावनी के लिए किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित हमलावर को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते।
कंपनी का कहना है कि एपल राज्य प्रायोजित खतरों की जानकारी नहीं देता है। कंपनी ने अपने बयान में साफ किया है कि कई बार इस तरह के खतरों की जानकारी गलत भी हो सकती है।
विपक्षी सांसदों के आरोपों पर एप्पल ने कहा कि हमलावर आर्थिक व तकनीकी रूप से प्रभावशाली हैं, अकसर हमलों का पूर्ण तरीके से पता नहीं लग पाता। आज यानी मंगलवार (31 अक्टूबर 2023) को जब इस मामले पर विवाद बढ़ गया तो उन्होंने कहा, एपल इस अलर्ट की जिम्मेदारी किसी विशेष एजेंसी या सरकार समर्थित हैकर्स को नहीं देता है।