लखनऊ। रविचंद्रन अश्विन ( Ravichandran Ashwin) को तीसरे स्पिनर के तौर पर लखनऊ में उतारने का फैसला आसान होता लेकिन स्टार हरफनमौला हार्दिक पांड्या ( Hardik Pandya) की गैर मौजूदगी ने भारतीय टीम प्रबंधन को रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले विश्व कप के मैच से पहले सोचने पर मजबूर कर दिया है । छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले तीसरे तेज गेंदबाज हार्दिक अंतिम एकादश को संतुलन देते हैं। धर्मशाला में उनकी गैर मौजूदगी में भारतीय टीम में दो बदलाव करने पड़े थे।
भारत ने न्यूजीलैंड को हराकर लगातार पांचवीं जीत दर्ज की थी। हार्दिक के रहने से भारत के पास गेंदबाजी के छह विकल्प होते हैं लेकिन खराब फॉर्म से जूझ रहे इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम ( Indian team)पांच गेंदबाजों के साथ उतर सकती है। हार्दिक की गैर मौजूदगी में मोहम्मद शमी और सूर्यकुमार यादव को मौका दिया गया जबकि शार्दुल ठाकुर को बाहर रखा गया था । रोहित शर्मा एंड कंपनी ने नौ अलग अलग स्थानों पर नौ लीग मैचों में हालात के अनुरूप टीम के चयन की रणनीति अपनाई है । स्पिनरों की मददगार पिच पर अश्विन उनकी पसंद है लेकिन सपाट पिच पर शार्दुल को चुना जाता है। हार्दिक की अनुपस्थिति में यह मुश्किल हो गया है।
लखनऊ में अगर अश्विन को उतारा जाता है तो भारत के पास दो ही विशेषज्ञ तेज गेंदबाज रह जायेंगे। ऐसे में जसप्रीत बुमराह के साथ मोहम्मद सिराज और शमी में से एक को चुनना होगा । शमी ने धर्मशाला में पांच विकेट लेकर ड्रेसिंग रूम में चयन की दुविधा बढा दी है । भारत के पूर्व चयनकर्ता और स्पिनर शरणदीप सिंह का मानना है कि हार्दिक की गैर मौजूदगी में भी भारत को छठा गेंदबाजी विकल्प रखना चाहिये। उन्होंने कहा,हार्दिक रहे या नहीं रहे, गेंदबाजी में छठा विकल्प होना चाहिये । बुमराह का खराब दिन होने या कुलदीप के महंगा साबित होने पर उसकी जरूरत पड़ेगी। छठा गेंदबाज नहीं होने पर विराट कोहली को दो या तीन ओवर डालने पड़ सकते हैं ।