मृत्यु तक की झूठी खबर फैलाना अक्षम्य अपराध!

डॉ.गोपाल नारसन एडवोकेट
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस (  Congress)के वरिष्ठ नेता हरीश रावत की कार दशहरे की रात डिवाइडर से टकरा गई थी,जिसमे उन्हें,उनके गनर व चालक को मामूली चोटे आई,उन्होंने घटना के थोड़ी ही देर बाद अपने सकुशल होने के जानकारी भी दी लेकिन राजस्थान के एक समाचार चैनल ने बिना सच जाने उनकी मृत्यु की झूठी खबर प्रसारित कर न सिर्फ हरीश रावत ( Harish Rawat) व उनके परिवार को आहत किया बल्कि हरीश रावत को चाहने वालो को भी बुरी तरह आहत किया।यह पहला अवसर नही है जब किसी व्यक्ति की मौत की झूठी अफवाह फैलाई गई हो।स्वर कोकिला लता मंगेशकर जब जीवित थी और बीमार थी,तब उनकी मृत्यु की झूठी ख़बर कई चैनलों व प्रिंट मीडिया तक ने फैला दी थी।एक बार बिग बी अमिताभ बच्चन को लेकर भी मौत की झूठी ख़बर सुर्खियां बना दी गई थी।झूठी खबरों को फैलाकर हित साधने वाले आज से नही महाभारत काल से सक्रिय है।महाभारत में पांडवों को पता था कि युद्ध जीतने के लिए गुरु द्रोणाचार्य को मारना जरूरी है, इसलिए उन्होंने उनके बेटे अश्वत्थामा की मौत की झूठी खबर फैला दी थी।
द्रोणाचार्य ने जब युधिष्ठिर से अश्वत्थामा की मौत का सच पूछा, तो युधिष्ठिर ने कहा, ‘अश्वत्थामा हतो नरो वा कुंजरो’ यानी ‘अश्वत्थामा की मौत हुई, नर या हाथी पता नहीं’।ये सुनकर द्रोणाचार्य ने हथियार त्याग दिए थे।’ “जब युधिष्ठिर ‘नरो वा कुंजरो’ बोल रहे थे, कृष्ण ने जानबूझकर शंख फूंका, ताकि द्रोणाचार्य तक आधी खबर पहुंचे।”विंस्टन चर्चिल ने एक बार कहा था, “युद्ध के समय सच इतना कीमती होता है कि उसे झूठ की चादर में छिपाना जरूरी है।”दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान मित्र राष्ट्रों की सेनाओं ने ऑपरेशन मिंसमीट की योजना बनाई, जिसके तहत नाजियों को ये सोचने पर मजबूर किया गया कि सिसली की बजाय सार्डिनिया और ग्रीस पर हमला होगा।एक शव को सेना के अफसर की पोशाक पहनाकर उसके हाथों में फर्जी दस्तावेज थमाकर उसे स्पेन के नजदीक समंदर के किनारे फेंक दिया गया।उम्मीद थी ये ‘गुप्त’ दस्तावेज जर्मनी के खुफिया विभाग तक पहुंचेंगे। सिसली को जीतने में इस ऑपरेशन की अहम भूमिका रही।इसी तरह दो युवाओं को पीट-पीटकर मारे जाने का एक फर्जी और भड़काऊ वीडियो सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में दंगे भड़क गए थे।सन 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान 50 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 50हजार लोगों को घर छोड़ पर जाना पड़ा था।वही सितंबर सन 1995 में दिल्ली में खबर फैली कि भगवान गणेश की मूर्ति दूध पीने लगी है।देखते ही देखते दिल्ली की लगभग 20 फीसदी जनता मूर्ति को दूध पिलाने के लिए सड़क पर थी।सन2001 में दिल्ली के कुछ इलाकों में ‘मंकी मैन’ के लोगों पर हमला करने की खबरें आने लगीं थी, जिससे डर फैल गया था।”पुलिस ने इस कथित ‘मंकी मैन’ का स्केच तकबजारी कर दिया था, जिससे अफवाह को मजबूती मिलने लगी थी,लोगों ने कॉलोनियों में पहरा देना तक शुरू कर दिया।”वहां के पुलिस सुपरिटेंडेंट राजीव रंजन ने उस अफवाह पर विराम लगाते हुए कहा, “जांच में पता चला कि कोई मंकी मैन था ही नहीं,एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद अफवाह पर रोक लग गई थी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब नोटबंदी की घोषणा की थी, उसके बाद से ही वॉट्सऐप पर झूठी खबरें आने लगीं, एक खबर के अनुसार 2,000 रुपये के नए नोटों में ‘नैनो जीपीएस चिप’ लगे होने की बात कही गई थी।एक टीवी चैनल ने तो इस पर एक कार्यक्रम तक बना दिया और कहा, ‘जीपीएस चिप की मदद से 2,000 रुपये का नोट जमीन के नीचे भी छिपाया गया हो, तो इसका पता चल जाएगा’।एक बार उत्तर प्रदेश के अमरोहा में वॉट्सऐप पर नमक की कमी से संबंधित खबरें आने लगीं थी,अमरोहा के तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस सुपरिटेंडेंट नरेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं, “चारों तरफ लोग परेशान थे. वो नमक खरीद कर जमा करने लगे थे।” यह झूठी खबर रुहेलखंड, संभल और मुरादाबाद से फैलनी शुरू हो गई थी।
वो कहते हैं, “हमने इस सिलसिले में एक शिकायत भी दर्ज की थी, लेकिन ये पता नहीं चल पाया कि इस खबर की शुरुआत किसने की थी।”इसी प्रकार देश के प्रथम मतदाता श्याम शरण नेगी की मृत्यु की झूठी खबर सोशल मीडिया में काफी वायरल हुई थी। इस पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एक व्यक्ति के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज  किया था, ताकि ऐसे लोगों को सबक सिखाया जा सके।फ़िल्म पिछले दिनों अभिनेता मुकेश खन्ना द्वारा अपनी मौत की अफवाहों को खारिज करते हुए उन्होंने अफवाह फैलाने वालों की आलोचना करते हुए कहा था कि अपराधी ऐसे कृत्यों से दूर रहे,उन्होंने पुलिस कार्रवाई की चेतावनी भी दी।लगता है मौत की झूठी खबरें चलने का ट्रेंड सा हो गया है।फिल्मी खलनायक प्रेम चोपड़ा भी इससे अछूते नहीं रहे,कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर प्रेम चोपड़ा के निधन की खबर वायरल हुई थी,खबर देखने के बाद करीबियों ने प्रेम चोपड़ा और उनके परिवार को सुबह से फोन, मैसेज  करना शुरू कर दिया। सब पूछने लगे प्रेम चोपड़ा जिंदा हैं? हालांकि वे सकुशल थे।ब्राजील के एक व्यक्ति ने खुद के मौत की झूठी खबर फैला दी थी, इसके पीछे की वजह बहुत ही चौकाने वाली थी, वो व्यक्ति देखना चाहता था कि उसकी अंतिम यात्रा में कौन-कौन शामिल होता है। इसके लिए उसने सबसे पहले फेसबुक पर अपनी मौत की झूठी अफवाह फैलाई। उसका नाम बाल्टाजार लेमोस था, उसकी उम्र 60 साल थी।बाल्टाजार लेमोस ब्राजील के कुर्तीबा में रहते थे, मौत की खबर फैलाने के बाद उनकी नकली अंतिम यात्रा भी निकली थी।
विधिक प्रावधानों में अगर कोई व्यक्ति भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता या सुरक्षा को खतरे में डालने वाली झूठी या भ्रामक जानकारी बनाता है या प्रकाशित करता है, तो उसे 3 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जाएगा।”(लेखक वरिष्ठ अधिवक्ता व उपभोक्ता कानून के विशेषज्ञ है)

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