रायपुर। माकपा जिला सचिव प्रशांत झा (Secretary Prashant Jha) तथा राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पराते के खिलाफ कुछ संगठन विरोधी तत्वों द्वारा लगाए गए तमाम आरोप गलत और बेबुनियाद है और विधान सभा चुनाव के पहले पार्टी के संघर्षशील नेताओं की छवि को धूमिल करके चुनाव को प्रभावित करने और कांग्रेस-भाजपा (Congress-BJP) को मदद पहुंचाने की साजिश है। जिन लोगों ने पार्टी से इस्तीफा देने की जानकारी मीडिया को दी है, उनका कोई पत्र पार्टी को नहीं मिला है। संगठन विरोधी गतिविधियों में शामिल ऐसे सभी लोगों के खिलाफ जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
उक्त बातें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के छत्तीसगढ़ राज्य सचिव एम के नंदी ने अपने कोरबा प्रवास के बाद जारी एक प्रेस बयान में कही। उन्होंने कहा कि इस बार माकपा कटघोरा विधानसभा क्षेत्र का चुनाव पूरी दमदारी से लड़ेगी और पिछले पांच सालों से जनता की बुनियादी समस्याओं (Basic problems )पर चलाए गए जन संघर्षों से प्राप्त जन विश्वास की बदौलत उसकी जीत सुनिश्चित है।
माकपा नेता ने कहा कि पार्टी ने किसान सभा और सीटू के साथ मिलकर भूविस्थापितों के मुद्दों पर, रेल सुविधा, सड़क-बिजली-पानी-संपत्ति कर के सवाल पर और कोरबा नगर निगम में कांग्रेस सरकार ( Congress government) के जनविरोधी रूख के खिलाफ मुखरता से आंदोलन खड़ा किया है। इन आंदोलनों की अगुआई करने के कारण माकपा जिला सचिव प्रशांत झा पर कई मुकदमे कायम हुए हैं और उन्हें जेल भी जाना पड़ा है। प्रशांत झा के जिला सचिव बनने के बाद पार्टी का जनाधार व्यापक हुआ है और हजारों लोग पार्टी और जन संगठनों और जन आंदोलनों से जुड़े हैं। हाल ही में एसईसीएल (SECL)की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ कलेक्ट्रेट घेराव का ऐतिहासिक आंदोलन भी हुआ है।
उन्होंने कहा है कि विपक्षी पार्टियां, जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन -तीनों माकपा और किसान सभा के इस विकसित हो रहे जनाधार से घबराए हुए हैं और पार्टी और जन आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी से कथित रूप से इस्तीफा देने वालों में कांग्रेस-भाजपा-एसईसीएल और कॉरपोरेट की दलाली करने वाले संगठन विरोधी तत्व शामिल हैं और कुछ पार्टी सदस्य उनके बहकावे में भी आए हैं। माकपा सचिव नंदी ने कहा कि इन संगठन विरोधी तत्वों की पार्टी और जन आंदोलनों को कमजोर करने की साजिश कामयाब नहीं होगी ।