बेंगलुरु। कर्नाटक ( Karnataka) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने महिला आरक्षण विधेयक ( Women’s Reservation Bill) की राह में रोड़े ”पैदा” कर महिलाओं को ”धोखा” देने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) की आलोचना की है। सिद्धारमैया कहा कि जनगणना, परिसीमन और कानून को प्रभावी होने में लगने वाला अधिक समय जैसी “बाधाओं” से भाजपा का “पाखंड” उजागर हो गया है।
उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक 2026 में जनगणना के बाद ही लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक के लिए 15 साल की समाप्ति तिथि तय की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विधेयक लागू होने से पहले ही खत्म हो जाएगा, क्योंकि जनगणना और परिसीमन की बाधाओं को दूर करने में 15 साल लगेंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो विधेयक का कार्यान्वयन 2024 या 2029 में नहीं होगा। यहां तक कि 2034 में भी यह प्रभावी नहीं होगा।