नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ( Anupriya Patel) ने सरकार पर महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक आगामी लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha elections) में फायदा पाने के लिए लाने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए बुधवार को कहा कि संसद में हर फैसला चुनाव को देखकर नहीं किया जाता।
लोकसभा में महिला आरक्षण से संबंधित ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि विधेयक में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC ) कोटा की मांग करने वाली कांग्रेस ने 2010 में उसके नेतृत्व वाली सरकार के समय इस विधेयक को लाये जाने के दौरान ओबीसी कोटे की बात क्यों नहीं की थी। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस ( Congress) को क्या नया-नया यह ख्याल आया है।’’ पटेल ने हालांकि कहा कि ओबीसी को आरक्षण का यह विषय महत्वपूर्ण है और उन्हें विश्वास है कि पिछले नौ वर्ष में इस वर्ग के उत्थान के लिए अनेक निर्णय लेने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस दिशा में भी निश्चित रूप से विचार कर रहे होंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले 27 साल से महिला आरक्षण कानून बनाने के प्रयास किये जाते रहे हैं जो सफल नहीं हो सके, लेकिन मोदी सरकार इसे तार्किक परिणति तक पहुंचाएगी। अनुप्रिया ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह विधेयक लाने के कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी सदस्यों के आरोपों पर कहा, ‘‘संसद में हर फैसला चुनाव को देखकर नहीं किया जा सकता। सरकार ने अच्छी पहल की है और उसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्रक्रिया का पालन करना होगा।’’
उन्होंने कहा कि देश में जनगणना के आंकड़े बेहद पुराने हैं और इसलिए संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करना होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्षी सदस्यों की इस विधेयक को लेकर कुछ आपत्तियां हो सकती हैं, सरकार उनका ध्यान भी रखेगी लेकिन उन्हें सारी चिंताएं छोड़कर ‘‘बिना किसी किंतु-परंतु के’’ इसे पारित कराना चाहिए।