देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा( Karan Mahra) ने भारत रत्न, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पं. गोविन्द बल्लभ पंत ( P. Govind Ballabh Pant) की जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक याद करते हुए अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
पं. गोविन्द बल्लभ पंत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि 20वीं शताब्दी के तीसरे दशक में कुमाऊं परिषद के माध्यम से सामाजिक और राजनैतिक जीवन (Political Life) में पन्त ने अपनी शुरूआत की। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में फैली भीषण गरीबी, कुली बेगार प्रथा तथा सामाजिक बुराइयों के कारण प्रताड़ित हो रहे कमजोर तबकों की पीड़ा को गहराई से महसूस किया और कालान्तर में उसके लिए उन्होंने अनेक संघर्ष किये।
भारत रत्न पं. गोविन्द बल्लभ पन्त ने आजादी के बाद 20 साल उत्तर प्रदेश और भारत की राजनीति में केन्द्रीय भूमिका निभाते हुए मुख्यमंत्री और देश के गृह मंत्री जैसे पदों को सुशोभित किया। पं. गोविन्द बल्लभ पन्त अद्वितीय प्रतिभा के धनी और साहसी पुरुष थे। स्वतंत्रता संग्राम में उनका अविस्मरणीय योगदान तथा साइमन कमीशन के विरोध में उनकी भूमिका इतिहास के पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। कृषि सुधारों के लिए पं. पंत के मुख्यमंत्रित्व काल में (कुंजा) अधिनियम को पारित किया गया।
संयुक्त प्रान्त की विधान परिषद में 1924 से 1929 तक विरोधी दल के उपनेता रहते हुए उन्होंने अनेकों अधिनियमों और प्रदेश की समस्याओं के ऊपर तार्किक भाषणों के जरिये सरकार को मार्गदर्शन दिया। उनका राजनैतिक सफर यहीं नहीं रूका वे संयुक्त प्रान्त की विधानसभा में 1932-1937 तक सदस्य रहे।
इस दौरान उन्हांने अनेक महत्वपूर्ण जटिल समस्याओं के ऊपर सारगर्भित भाषण दिये जिसमें से एक प्रेस की आजादी के सम्बन्ध में भी था जो लगातार दो दिन तक विधानसभा में चला जिसके बाद ब्रिटिश हुकूमत को प्रेस की आजादी पर प्रतिबन्ध सम्बन्धी इस विधेयक को वापस लेना पड़ा।
उन्होंने कहा कि पंडित गोविन्द बल्लभ जैसे महान व्यक्तित्व समाज के लिए सदैव प्रेरणा के स्रोत रहेंगे। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कांग्रेस वक्ताओं ने उनका श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हुए कहा कि भारत में कुली बेगार तथा जमींदारी उन्मूलन के साथ ही समाज में फैली अनेक कुरीतियों का पं. गोविन्द बल्लभ पंत ने सदैव विरोध किया। केन्द्रीय गृह मंत्री तथा उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने विकास की मजबूत नींव रखी। उनका पूरा जीवन निःस्वार्थ जनसेवा को समर्पित रहा है। स्व. पन्त ने भारतीय राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ी और उनकी योग्यता, प्रशासनिक क्षमता तथा स्वतंत्रता आन्दोलन में अद्वितीय योगदान को देखते हुए उन्हें भारत रत्न के अलंकार से सम्मानित किया गया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा बाद में केन्द्रीय गृह मंत्री के पदों पर रहते हुए जिस प्रशासनिक दृढता और सूजबूझ का परिचय दिया वह हमारे लिए आज भी आदर्श है।
कांग्रेसजनों ने पं. पंत के आदर्शों पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि हम सभी कांग्रेसजनों को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपनी राजनैतिक कार्यप्रणाली को ठोस वैचारिक आधार देने का प्रयास करना चाहिए यही उनके लिए हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी, प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन सिंह रावत, प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी, पी.के. अग्रवाल, सोशल मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, प्रवक्ता गरिमा दसौनी, महानगर अध्यक्ष डाॅ. जसविंदर सिंह गोगी, प्रवक्ता शीशपाल सिह रावत, राजेश चमोली, एस.सी. विभाग के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन लाल, एनएसयूआई के विकास नेगी, राजीव कुमार, महेंद्र सिंह नेगी, अनिल नेगी, लाखीराम बिजलवाण, सुलेमान अली, मोहन काला, लक्ष्मी अग्रवाल, विशाल मौर्य, सुनीता प्रकाश, अनुराग मित्तल आदि उपस्थित थे।