धमतरी। चिटफंड कंपनियों (Chit fund companies ) में डूबी राशि को वापस दिलाने की मांग को लेकर माकपा ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। मुड़पार, दुगली, शकरबारा, बरारी और कोलियारी सहित कई गांवों के पीड़ितों ने कल धरना दिया और चिटफंड कंपनियों में डूबी राशि ( amount) लिखकर उसे वापस दिलाने मुख्यमंत्री (chief minister )को पोस्टकार्ड लिखा। दोपहर बाद एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया। धरना में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा राज में कई चिटफंड कंपनियों ने भाजपा नेताओं के संरक्षण में अपना कारोबार किया था तथा प्रदेश के लाखों निवेशकों से लगभग 50000 करोड़ रुपये जमा कराए थे। जब पैसा वापसी का समय आया, तो लोगों ने पाया कि कंपनी के दफ्तरों में ताला लगाकर डारेक्टर, मैनेजर सहित पूरा स्टाफ फरार हो गया है। इस ठगी का शिकार धमतरी जिले के भी हजारों लोग हुए हैं।
धरना को संबोधित करते हुए माकपा जिला सचिव समीर कुरैशी ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव के समय कांग्रेस ने एक-एक रुपया लौटाने की बात कही थी, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया। अभी तक पूरे प्रदेश में निवेशकों के केवल 50 करोड़ रुपये ही लौटाए गए हैं, जो ऊंट के मुंह में जीरा है। चिटफंड कंपनियों के लुटेरे खलनायक (villain)आज भी खुलेआम घूम रहे हैं और कांग्रेस नेता उनसे चुनावी चंदा वसूल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भी कई चिटफंड कंपनियां प्रदेश में सरकार की नाक के नीचे ठगी का धंधा कर रही है और ऐसा केवल सरकारी संरक्षण में ही हो सकता है।
गांधी मैदान में आयोजित धरना सभा को मज़दूर नेता मनीराम देवांगन तथा रेमन लाल यादव ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को उनका वादा याद दिलाने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने पोस्ट कार्ड लेखन अभियान चला रही है। चिटफंड पीड़ित ग्रामीणों ( Villagers)के इस धरना का नेतृत्व राम कृष्ण निषाद, राकेश परते, धनेश्वरी कमार, अनिता निषाद, टिकेश्वर ध्रुव, अहिल्या बाई, ममता, सोहद्रा, कुंती, सरिता, मंटोरा, कमला बाई, कुसुम लता, पुष्पा, हेमलता आदि ने किया।