नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सरकारी सेवाओं में नियुक्ति किये गये 51 हजार से अधिक लोगों को नियुक्ति पत्र वितरण के अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, सरकार ( government ) और शासन (governance) में बदलाव लाने के मिशन में आप सभी युवा (Youth) मेरी सबसे बड़ी ताकत हैं। आप सभी उस पीढ़ी से आते हैं जहां सब कुछ बस एक क्लिक पर मिल जाता है।
लोग हर सर्विस की तेज डिलीवरी चाहते हैं। आप अच्छी तरह जानते हैं कि आज की पीढ़ी समस्याओं का टुकड़ों में समाधान नहीं चाहती है, उन्हें स्थायी समाधान चाहिए। इसलिए, जनसेवक होने के नाते आपको ऐसे फैसले लेने होंगे, ऐसी जिम्मेदारियां निभानी होंगी, हर पल ऐसे तैयार रहना होगा, जो लंबे समय तक लोगों के लिए फायदेमंद हो।
आप जिस पीढ़ी से संबंध रखते हैं, वो कुछ हासिल करने का इरादा रखती है। ये पीढ़ी किसी का फेवर नहीं चाहती, वो बस ये चाहती है कि कोई उनके रास्ते का रोड़ा ना बने। इसलिए, जनसेवक के तौर पर आपके लिए ये समझना बहुत आवश्यक है कि सरकार जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, हमेशा जनता की सेवा के लिए है। आप ये समझते हुए काम करेंगे तो कानून व्यवस्था को बनाए रखने में भी आपको बहुत मदद मिलेगी।
इस बार रोजगार मेले का ये आयोजन एक ऐसे माहौल में हो रहा है, जब देश गर्व और आत्मविश्वास से भरा हुआ है। हमारा चंद्रयान और उसका रोवर प्रज्ञान, लगातार चंद्रमा से ऐतिहासिक तस्वीरें भेज रहा है। गर्व से भरे इस क्षण और ऐसे समय में आप अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। वह सभी सफल अभ्यर्थियों और उनके परिवारजनों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देते हैं।
उन्होंने कहा कि सेना में आकर, सुरक्षाबलों के साथ जुड़कर, पुलिस सेवा में आकर, हर युवा का सपना होता है कि वो देश की रक्षा का प्रहरी बने। इसलिए आप पर बहुत बड़ा दायित्व होता है। इसीलिए आपकी जरूरतों के प्रति भी हमारी सरकार बहुत गंभीर रही है। बीते कुछ वर्षों में अर्धसैनिक बलों की भर्ती प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
आवेदन से लेकर चयन तक की प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। अर्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा अब 13 स्थानीय भाषाओं में भी कराई जा रही है। पहले ऐसी परीक्षा में सिर्फ हिंदी या अंग्रेजी चुनने का ही विकल्प होता था, अब मातृभाषा का मान बढ़ा है। इस बदलाव से लाखों युवाओं के लिए रोजगार पाने के रास्ते खुल गए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों में सैकड़ों आदिवासी युवकों की नियुक्ति की गई थी। इन्हें नियमों में छूट देकर सुरक्षाबल में भर्ती पाने का अवसर दिया गया, ताकि विकास की मुख्यधारा से जुड़े रहें। इसी तरह सीमावर्ती जिलों और उग्रवाद प्रभावित जिलों के युवाओं के लिए कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में कोटा बढ़ाया गया है। सरकार के प्रयासों से अर्धसैनिक बलों को लगातार मजबूती मिल रही है। उन्होंने कहा कि देश का विकास सुनिश्चित करने में आपके दायित्व की महत्वपूर्ण भूमिका है। सुरक्षा का वातावरण, कानून का राज, विकास की रफ्तार को तेज कर देता है।
मोदी ने उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि कभी उत्तर प्रदेश विकास के मामले में बहुत पीछे था और अपराध के मामले में बहुत आगे। लेकिन अब कानून का राज स्थापित होने से उत्तर प्रदेश, विकास की नई ऊंचाई छू रहा है। कभी गुंडों-माफिया की दहशत में रहने वाले इस राज्य में आज भय मुक्त समाज की स्थापना हो रही है। कानून-व्यवस्था का ऐसा शासन लोगों में विश्वास पैदा करता है। और जब अपराध कम हुआ है, तो राज्य में निवेश भी बढ़ रहा है, निवेश आ रहा है। इसके उलट हम ये भी देखते हैं कि जिन राज्यों में अपराध चरम पर है, वहां निवेश भी उतना ही कम हो रहा है, रोजी-रोटी के सारे काम ठप पड़ जाते हैं।
आजकल आप लगातार पढ़ते भी हैं और देखते भी हैं हैं कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। भारत इस दशक में टॉप-3 अर्थव्यवस्था में शामिल हो जाएगा। और ये गारंटी जब मैं आपको देता हूं ना, बड़ी जिम्मेदारी के साथ मैं समस्त देशवासियों को गारंटी देता हूं। लेकिन जब आप ये पढ़ते हैं तो एक सवाल आपके मन में जरूर आता होगा कि इसका देश के सामान्य नागरिक पर क्या असर होगा? और ये सवाल बहुत स्वभाविक भी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने के लिए ये जरूरी है कि देश के हर क्षेत्र का विकास हो। खाद्य क्षेत्र से ले करके फार्मा तक, अंतरिक्ष से ले करके स्टार्टअप तक, जब हर क्षेत्र आगे बढ़ेगा तो अर्थव्यवस्था भी आगे बढ़ेगी। फार्मा उद्योग का उदाहरण सामने है। महामारी के समय भारत के फार्मा उद्योग की बहुत सराहना की गई। आज ये उद्योग चार लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की है और कहा ये जा रहा है कि 2030 तक भारत की फार्मा उद्योग करीब 10 लाख करोड़ रुपए की हो जाएगी। इसका मतलब ये हुआ कि इस दशक में फार्मा उद्योग को आज की तुलना में कई गुना ज्यादा युवाओं की जरूरत पड़ेगी। रोजगार के अनेक नए अवसर आएंगे।