नई दिल्ली। दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी की ओर से घटनास्थल का साइट प्लान (Site Plan) नहीं बनाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। एडिशनल सेशंस जज पुलस्त्य प्रमाचल (Additional Sessions Judge Pulastya Pramachal) ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को जांच अधिकारी के व्यवहार का आकलन करने का निर्देश दिया है। मामला उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दयालपुर थाने में दंगों से संबंधित छह घटनाओं की है। 6 घटनाओं को एक ही प्रथम सूचना रिपोर्ट में क्लब कर दिया गया है।
जांच अधिकारी इंस्पेक्टर शिवचरण (Inspector Shivcharan) ने 3 घटनाओं के साइट प्लान तो बनाए हैं लेकिन तीन के नहीं बनाए हैं। जांच अधिकारी ने कोर्ट में दावा किया था कि उन घटनास्थलों की जांच की थी, जिनके साइट प्लान नहीं बने हैं। जब कोर्ट ने पूछा कि तीन घटनास्थलों के साइट प्लान बने हैं, जबकि तीन के नहीं तो वो कोई वजह नहीं बता सका।
कोर्ट ने कहा कि ये स्थिति तब है, जब कोर्ट ने जांच अधिकारी को घटनाओं का कैलेंडर बनाने के लिए 6 महीने दिए थे। कोर्ट ने कहा कि न तो जांच ठीक से की गई है और न ही साक्ष्य (Evidence) ठीक से जुटाए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि एक समग्र साइट प्लान दाखिल किया गया, जिसमें घटना के कई स्थानों का जिक्र ही नहीं था। ऐसे दोहरे मानदंड से जांच कैसे की जा सकती है? कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के डीसीपी (DCP) को निर्देश दिया कि वो जांच अधिकारी के अधूरे कामों को ठीक कराएं।