विकास पथ पर देवभूमि

राजनीति के हर एंगल में फिट नजर आते हैं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 

धामी का एकमात्र एजेंडा राज्य का विकास 

 विशेष संवाददाता।                              

कुशल राजनेता वही होता है जो सबको साथ लेकर चले। साथ का मतलब पार्टी के अंदर भी और बाहर भी। राज- काज से अपने भी  खुश रहें । साथ ही विरोधी पार्टी के लोग भी बातचीत के दौरान यह जरूर कहें कि सरकार जमीनी काम कर  रही है।

इस क्रम में अन्य राज्यों के मुकाबले  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राजनीति के हर एंगल में फिट बैठते नजर आ रहे हैं। मजेदार बात यह है कि शुरूआती दौर में धामी को लेकर पार्टी के अंदर कई तरह की चर्चाएं थीं लेकिन धामी ने राजनीतिक मार्ग में आने वाली हर तरह की झंझावतों तथा कठिनाइयों को अपने सूझबूझ से परास्त किया और अपने राजनीतिक रणकौशल से यह साबित किया कि दृढ़संकल्प से सब कुछ संभव है।

आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami)प्रदेश के  लोगों के चहेते होने के साथ-साथ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के दुलारे भी हैं। मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले पार्टी  में  फैले अपने विरोधियों  को अपना बनाया और यही कारण है कि पार्टी के भीतर धामी के घोर विरोधी भी उनके राजनीतिक (political )कौशल की प्रशंसा करने से नहीं चूकते। विपक्ष की भूमिका अदा कर रही कांग्रेस  भी सरकार पर उस तरह से हमलावर नहीं है जैसा अन्य मुख्यमंत्रियों के कार्य काल में हुआ करती थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अब तक के कार्यकाल को देखें तो यह बात साफ नजर आती है कि उनका एकमात्र एजेंडा राज्य का विकास ही है।

मुख्यमंत्री की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे अनर्गल प्रपंच से दूर रहे हैं और न ही अनावश्यक कोई टीका टिप्पणी करते हैं। बड़ी बात यह है कि  भाजपा शासित राज्यों में धामी ही एकलौते मुख्यमंत्री हैं जो हर माह  प्रधान मंत्री से मिलते हैं। मतलब मुख्यमंत्री की रिपोर्टिंग हर माह सीधे तौर पर प्रधानमंत्री को है। संभवत: प्रधानमंत्री (prime minister) ने कहा होगा कि हर माह उपलब्धियों की जानकारी से रू-ब-रू कराएं। यह बात अपने आप में भी काफी महत्वपूर्ण है। प्रधान मंत्री का पद काफी व्यस्तता वाला होता हि। बावजूद  प्रधान मंत्री से धामी मिलते हैं। यह अपने आप में बड़ी बात है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मुख्य मंत्री के  चिंतन में केवल विकास ही है। केंद्र में राज्य की लंबित योजनाओं के लिए खुद ही दिल्ली जाकर पहल करते हैं। यह भी बेहद महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री राज्य के विकास को लेकर समर्पित हैं। चिकित्सा,  लघु एवं सूक्ष्म उद्योग,भारी उद्योग  पशुपालन तथा डेयरी के क्षेत्र में उत्तराखंड में काफी बड़े काम हुए हैं। मुख्य मंत्री के दिशा निर्देश में इन विभागों के अलावा भी कई महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। इस संबंध में राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि विकास के लिए ईमानदार प्रयास काफी महत्वपूर्ण होता है। सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास (All-round development) के लिए लगी हुई है। इस क्रम में उद्योगपतियों की महत्वपूर्ण बैठक दिसंबर में देहरादून में आयोजित की गई है। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। मुख्यसचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनी हुई है। इसको लेकर दिल्ली में जागरुकता रैली का आयोजन भी किया गया है। पर्यटन सहित कई विभागों को इसमें शामिल किया गया है। कई ऐसी योजनाएं हैं, जहां विकास की रफ्तार की काफी बढ़िया है। चिकित्सा

सभी मेडिकल कॉलेजों में कैथ लैब बनाये जायेंगे। सभी चिकित्सा इकाइयों, जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में एमआरआई, सिटी स्कैन की पूरी व्यवस्था एवं टेक्नीशियन की कमी को दूर किया जाएगा।

70 हेल्थ एवं वेलनेस केंद्रों में जनसामान्य की चिकित्सा सुविधा के लिए योग,आयुर्वेद,पंचकर्म संबंधित सभी सेवाओं के साथ-साथ लैब टेस्टिंग जैसी सुविधाओं और जन औषधि केंद्र को भी जोड़ा गया।

1.राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 777.09 करोड़ रु. का बजट प्रावधान ।

2.नवीन मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर, पिथौरागढ़, हरिद्वार के लिए 285 करोड़ रु.  का बजट प्रावधान।

3. दून मेडिकल कॉलेज के लिए 196 करोड़ रु. का बजट प्रावधान।

4. श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के लिए 82.88 करोड़ रु. का बजट प्रावधान।

अटल आयुष्मान  उत्तराखंड योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 5 लाख रु. तक का सुरक्षा कवच दिया गया।

400 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य एवं 225 जन औषधि केंद्र खुले।

जन औषधि योजना के अंतर्गत सरकार कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध करा रही है । इस योजना के द्वारा अभी तक 850 से ज्यादा दवाओं का मूल्य नियंत्रित किया जाता है।

670 न्याय पंचायतों में को-आपरेटिव सोसायटी में खुलेगा एक-एक जन औषधि केंद्र।

उधमसिंह नगर में होगा दूसरा एम्स सेंटर ।

आयुष्मान योजना के अंतर्गत भारत सरकार के सहयोग से, 70 हेल्थ एवं वेलनेस केंद्र स्थापित ।

क्षयरोग उन्मूलन संबंधित नि:क्षय मित्र योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय स्थान एवं राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम में हेल्थ एंड वेलनेस एम्बेसडर कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य को इी२३ एल्लँल्लॅीेील्ल३ पुरस्कार प्राप्त।

 लघु एवं सूक्ष्म उद्योग

राज्य में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, ‘उत्तराखंड निर्यात नीति’ का मसौदा तैयार।

राज्य में निर्यात के लिए जिला- दो उत्पाद(ओडीटीपी) चिन्हित फोकस क्षेत्रों की पहचान।

औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधियों से समय-समय पर संवाद स्थापित।

उद्योगों के विकास के लिए राज्य में विभिन्न अनुमतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू।

लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति, नई  औद्योगिक नीति, सर्विस सेक्टर नीति सहित अनेक क्षेत्रों पर हो रहा है कार्य।

कीवी, सेब एवं मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं।

इन्वेस्टर्स फ्रेंडली वातावरण तैयार।

एक इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर , एक फार्मास्यूटिकल पार्क और एक अरोमा पार्क स्थापित।

 उद्योग

उत्तराखंड लॉजिस्टिक नीति 2022 प्रख्यापित की गई है, इस नीति में लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के विकास की व्यवस्था।

इज आफ डूईंग बिजनेस वर्ष 2021 की राज्य की रैंकिंग में एचीवर्स  श्रेणी। एम.एस.एम.ई में 1707 परियोजनाओं में 7321.10 करोड़ के पूंजी निवेश के प्रस्ताव अनुमोदित, जिनमे 33370 रोजगार प्रस्तावित।

नई स्टार्टअप नीति, 2023 प्रख्यापित की गई है।

भारत सरकार की अमृतसर, कोलकाता इंडस्ट्रियल डोर परियोजना के अंतर्गत एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर स्थापित करने हेतु उत्तराखंड सरकार/ सिडकुल द्वारा खुरपिया फॉर्म में 1002 एकड़ भूमि प्रस्तावित की गई है। इस परियोजना में भारत सरकार एवं  सिडकुल/राज्य सरकार के मध्य 50:50 भागीदारी रहेंगे ,इस परियोजना के क्रियान्वयन से राज्य सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी एवं युवाओं के लिए रोजगार के नवीन अवसर सृजित होंगे। 

सिडकुल द्वारा भारत सरकार की ‘प्लास्टिक पार्क स्थापित करने की योजना’ के अंतर्गत एकीकृत औद्योगिक आस्थान सितारगंज फेज- 2 , जिला ऊधमसिंह नगर में 40 एकड़ भूमि में प्लास्टिक पार्क विकसित किया गया है , जिसमें 16 इकाइयों को प्लॉट आवंटित किए जा रहे हैं।

काशीपुर में विकसित किया जा रहे इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, में समृद्धि आॅटोमेशन प्रा.लि. एंकर यूनिट के रूप में भूमि आवंटित की गई है जिसमें उनके द्वारा लगभग  175 करोड़ रु. का निवेश प्रस्तावित है।

सिडकुल द्वारा एकीकृत औद्योगिक आस्थान ,काशीपुर में 41 एकड़ भूमि में अरोमा पार्क विकसित किया गया है , जिसमें 23 इकाइयों को प्लॉट आवंटित।

अप्रैल, 2022 से फरवरी ,2023 (15 फरवरी तक) के मध्य 16 वृहद परियोजनाओं में 3072.50 करोड़ रु. का पूंजी निवेश के प्रस्ताव अनुमोदित।

स्वरोजगार योजनाएं : मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 5714 परियोजनाओं को बैंक द्वारा वित्त पोषण, जिनके माध्यम से 17106 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गये। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत 1468 परियोजनाओं को बैंक द्वारा वित्त पोषण, जिनके माध्यम से 11732 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध।

निर्यात प्रोत्साहन एक्सपोट प्रिपेयडनेस इंडेक्स में वर्ष 2021 की रैंकिंग में हिमालय हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड को प्रथम स्थान।

निजी क्षेत्र के औद्योगिक अस्थानों/क्षेत्रो की स्थापना हेतु नीति  2023 को स्वीकृति।

रोजगार एवं कौशल विकास

टाटा स्ट्राइव व सीमेंस  के मध्य  Memorandum of understanding (MOU)  द्वारा प्रशिक्षणाथियों को गुणवत्तापूर्ण परीक्षण , आॅन द जॉब ट्रेनिंग, अप्रिंटसशिप, कैम्पस प्लेसमेंट आदि गतिविधियों के सुचारू संचालन हेतु 14 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं का चयन किया गया है।

राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के सहसपुर स्थित संस्थान को स्किल प्रशिक्षण केंद्र (स्किल हब) बनाए जाने की मंजूरी प्रदान की गई है, जिसमें विदेशी रोजगार प्रकोष्ठ के साथ ही मॉडल कैरियर सेंटर की करियर सुविधा उपलब्ध रहेगी।

नाबार्ड की Rural Infrastructure Development Fund(RIDF) योजना अंतर्गत 17 राजकीय औद्योगिक  प्रशिक्षण संस्थानों में सिविल कार्य के लिए 4226.3 लाख रु.  के प्रस्ताव वित्त विभाग से नाबार्ड को प्रेषित किए जा चुके हैं।

National Apprenticeship Promotion scheme न्यूनतम 2.5% व अधिकतम 15% पक्के बैण्ड में शिशिक्षु परीक्षण प्रदान किए जाने का प्राविधान है। अधिनियम के अंतर्गत Designated Trade, Optional Trade में 6 माह से लेकर 3 वर्ष तक के पाठ्यक्रमों में अधिष्ठानों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। वर्तमान में योजना अंतर्गत 1567 अधिष्ठानों  में कुल 17167 शिशिक्षु प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं ।

Skills Strengthening for Industrial Value Enhancement (STRIVE) के अंतर्गत देहरादून, हरिद्वार,काशीपुर एवं दिनेशपुर के छात्रावासों को दूरस्थ क्षेत्र के प्रशिक्षणाथियों को उनके व्यवसाय से संबंधित इंडस्ट्री में आॅन द जॉब ट्रेनिंग (ओजीटी) के लिए आने पर उनके ठहरने के लिए तैयार किया गया है।

स्ट्राइव योजना अंतर्गत संस्थाओं का लिंकेज इंडस्ट्री एवं अन्य विकसित संस्थाओं से किए जाने के लिए आॅनलाइन क्लास तथा प्रशिक्षण में इंटरनेट का प्रयोग करने हेतु 40 संस्थानों में आई.टी.डी.ए. के माध्यम से यू.के. स्वान इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध करायी जा रही है। लगभग 1951 प्रशिक्षणाथियो को विभिन्न औद्योगिक इकाइयों/ अधिष्ठानों में आॅन द जॉब ट्रेनिंग (ओजेटी) हेतु भेजा गया है।

छ: राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में Drone Courses (Short Term)  व्यवसाय संचालित किए जाने की दृष्टिगत प्रशिक्षण महानिदेशालय ,भारत सरकार,नई दिल्ली से Drone Seevice Technician, Drone Manufacturing and Assembly  का सम्बन्धन प्राप्त हुआ है।

आई.टी.आई उत्तीर्ण 9 युवाओं को दुबई स्थित कंपनी में सेवायोजना के अवसर प्रदान किए गए हैं।

विभिन्न निजी औद्योगिक प्रतिष्ठानों को आमंत्रित कर युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाने के लिए  समय-समय पर प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया जाता है। विगत एक वर्ष में विभाग द्वारा 2951 युवाओं को उक्त प्लेसमेंट ड्राइवो के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं।

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