नई दिल्ली। लोकसभा (Lok Sabha) में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी( Adhir Ranjan Chowdhury) ने एक कार्यक्रम में कहा कि मोदी को जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में शांति रैली आयोजित करने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना चाहिए और ‘‘हम इसमें शामिल होंगे।
चौधरी ने कहा, ‘‘हमने यह सुझाव सदन में लिखित रूप में दिया, लेकिन वे सहमत नहीं हुए। यह ‘बहुमत का बाहुबली’ के अलावा और कुछ नहीं है। यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री के मणिपुर पर बोलने से पहले ही विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन क्यों किया, चौधरी ने कहा, उनके भाषण के दौरान, हमने दो घंटे तक उनके द्वारा मणिपुर पर बोलने का इंतजार किया, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यहां तक कि उनके भाषण के दौरान उनके मंत्री भी ऊंघने लगे थे। आप दृश्य देख सकते हैं।चौधरी ने कहा, ‘‘उन्होंने अपने भाषण के अंत में केवल तीन मिनट के लिए मणिपुर मुद्दे पर बात की। अगर हमें पता होता कि वह मणिपुर पर बोलेंगे, तो हम बहिर्गमन नहीं करते।’’ उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ उनकी लड़ाई “व्यक्तिगत नहीं, बल्कि राजनीतिक और वैचारिक है।
तृणमूल कांग्रेस को ”चोरों की पार्टी” बताने संबंधी उनकी टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा, ‘‘पटना (विपक्षी बैठक) का विषय अलग था और बंगाल का विषय अलग। बंगाल में पंचायत चुनाव हो रहे थे…ऐसे समय जब ‘इंडिया’ गठबंधन राष्ट्रीय स्तर पर बनाया गया है और नरेन्द्र मोदी चिंतित हो गए हैं, मेरे लिए इस पर अधिक प्रतिक्रिया देना असंभव है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या पश्चिम बंगाल में अभी भी हिंसा हो रही है, चौधरी ने कहा, ‘‘हां। कुछ भी ठीक नहीं है। हम जो करते हैं, स्थानीय स्तर पर करते हैं। इसका मतलब ये नहीं है कि सब ठीक है।