नयी दिल्ली। मोदी उपनाम आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी(Rahul Gandhi) को दो वर्षों की सजा पर उच्चतम न्यायालय(Supreme Court) ने रोक लगा दी। राहुल गांधी (Rahul Gandhi)ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति पी वी संजय कुमार की शीर्ष अदालत की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया।
पीठ की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि निचली अदालत ने (Rahul Gandhi) अपराधिक मानहानि की सजा के तौर पर भारतीय दंड संहिता के तहत निर्धारित अधिकतम दो सालों की सजा देने के पीछे कोई विशेष वजह नहीं बताई। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में सजा और जुर्माने दोनों के प्रावधान हैं।
पीठ में गुजरात उच्च न्यायालय के इस संदर्भ में राहुल गांधी (Rahul Gandhi)की अपील खारिज करने के फैसले पर कहा कि दोषसिद्धि पर रोक को खारिज करने के लिए काफी पन्ने खर्च किए हैं, लेकिन उनके (उच्च न्यायालय के) आदेशों में इन पहलुओं (अधिकतम सजा देने के कारणों) पर विचार नहीं किया गया है।उच्चतम न्यायालय ने मोदी सरनेम यानी मोदी उपनाम की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता श्री गांधी को अपराधिक मानहानि का दोषी ठहराए जाने के खिलाफ दायर उनकी विशेष अनुमति याचिका पर 21 जुलाई को पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया था।