श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अनुच्छेद 370 पर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court)की कार्यवाही पर देश की ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नजर है।उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय आखिरी उम्मीद है जो संविधान की सर्वोच्चता को कायम रख सकता है। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुनवाई शुरू की।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहती हैं कि उच्चतम न्यायालय यह सुनिश्चित करे कि भारत अपने संविधान के अनुसार शासित हो।
उन्होंने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा,”अनुच्छेद 370 पर उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही पर पूरी दुनिया की नजर है। वर्ष 1947 में जम्मू-कश्मीर ने मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद, धर्म के आधार पर दो-राष्ट्र सिद्धांत को खारिज कर दिया और भारत से हाथ मिला लिया। हमें संविधान के तहत देश के नेतृत्व द्वारा आश्वासन दिया गया था। सुश्री मुफ्ती ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोगों को यह अधिकार चीन या किसी पड़ोसी देश ने नहीं बल्कि भारत के संविधान ने दिया है। उन्होंने कहा, “अनुच्छेद 370 के तहत, यह सबसे सुंदर संघीय ढांचा था।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ अनुच्छेद 370 के बारे में है लेकिन उच्चतम न्यायालय को यह देखना होगा कि देश संविधान पर चलना चाहिए या किसी पार्टी के राजनीतिक एजेंडे पर चलना चाहिए।उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने देश में संस्थानों को नष्ट कर दिया है।सुश्री मुफ्ती ने कहा, “शीर्ष अदालत ही एकमात्र संस्था है जो संविधान को बचा सकती है।