चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) ने सोमवार आधी रात एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। इसरो ने चंद्रयान-3 को ट्रांसलूनर कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।
इसरो ने ट्वीट किया, इस्ट्रैक में एक सफल पेरिगी-फायरिंग की गई, इसरो ने अंतरिक्ष यान को ट्रांसलूनर कक्षा में स्थापित कर दिया है। सरो ने चंद्रमा की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए कहा, अगला पड़ाव: चंद्रमा।
उन्होंने कहा कि यान पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेगा और 23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंड करेगा।उल्लेखनीय है कि 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण किया गया था।
चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में एक प्रणोदन मॉड्यूल (वजन 2,148 किलोग्राम), एक लैंडर (1,723.89 किलोग्राम) और एक रोवर (26 किलोग्राम) शामिल है। मिशन का मुख्य उद्देश्य लैंडर को चंद्रमा की धरती पर सुरक्षित उतारना है। चंद्र कक्षा में प्रवेश करने के कुछ दिनों बाद लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाएगा।
लैंडर के 23 अगस्त की शाम 5.47 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है। लैंडर चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा पर उतरेगा। सॉफ्ट लैंडिंग एक पेचीदा मुद्दा है, क्योंकि इसमें रफ और फाइन ब्रेकिंग सहित जटिल युद्धाभ्यासों की एक श्रृंखला शामिल होती है।
सुरक्षित और खतरा-मुक्त क्षेत्र खोजने के लिए लैंडिंग से पहले लैंडिंग साइट क्षेत्र की इमेजिंग की जाएगी। सॉफ्ट लैंडिंग के बाद छह पहियों वाला रोवर बाहर निकलेगा और एक चंद्र दिवस की अवधि के लिए चंद्र सतह पर प्रयोग करेगा जो पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है।