नयी दिल्ली । लोकसभा में आज दो महत्वपूर्ण विधेयक -जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2023 तथा निरसन एवं संशोधन विधेयक 2022 को पारित कर दिया गया। उधर विपक्ष के सांसद काली पोशाकों में सदन के बीचों बीच आ गये और मोदी सरकार शर्म करो के नारे लगाने लगे।
तभी सत्तापक्ष से मांग की गयी कि विपक्ष की ओर से कागज़ फाड़कर आसन की ओर फेंके गये हैं तो पीठासीन अधिकारी उस सदस्य का नाम लेकर उसे निलंबित करें। इस पर श्री सोलंकी ने कहा कि आसन पर कागज़ फेंकना आसन का अपमान है। आशा है कि आइन्दा से कोई नहीं करेगा।
नारेबाजी एवं हंगामा नहीं रुका तो उसी बीच श्री गोयल ने विधेयक पेश किया जिस पर संक्षिप्त चर्चा हुई। गौरतलब है कि इसे दिसंबर 2022 में सदन में पेश किया गया था जिस पर एक संयुक्त संसदीय समिति ने विचार करके यह मसौदा तैयार किया है। भाजपा के राजेन्द्र अग्रवाल से कारोबारी सुगमता एवं जीवन की सुगमता के लिए इस विधेयक को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि 19 मंत्रालयों के 42 कानूनों के 183 ब्रिटिशराज के दौरान बने प्रावधानों को गैरअपराधिक बनाया गया है। छोटी छोटी गलतियों पर छोटे कारोबारियों एवं दुकानदारों को जेल की सजा के प्रावधानों को बदला गया है। बार बार गलती करने पर जुर्माने की राशि बढ़ती जाएगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से देश के लाखों छोटे कारोबारी खुश हैं और जनता के मन में मोदी सरकार के प्रति विश्वास मजबूत हुआ है।
वाईएसआर कांग्रेस की वी सत्यवती ने भी विधेयक का समर्थन किया और कहा कि उनकी पार्टी की कुछ चिंताएं हैं जिन्हें सरकार को दूर करना चाहिए। बहुजन समाज पार्टी के मलूक नागर ने कहा कि इसी विधेयक की तर्ज पर किसानों को भी राहत देनी चाहिए ताकि किसानों का भी विश्वास जीता जा सके। किसानों को जीएसटी नहीं लिया जाना चाहिए।