आबूधाबी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आधिकारिक यात्रा के मौके पर भारतीय रिजर्व बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई ने दो करार किये जिसमें स्थानीय मुद्राओं भारतीय रुपये और यूएई दिरहम में लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए फ्रेमवर्क बनाने तथा भुगतान एवं मैसेजिंग सिस्टम को जोड़ना शामिल है। इससे यूएई में भी यूपीआई से लेनदेन संभव को सकेगा।
श्री मोदी और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान की मौजूदगी में इस संबंध में हुये करार पर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई के गवर्नर खालिद मोहमद बालमा ने हस्ताक्षर किये।
करार के तहत भारत और यूएई के बीच स्थानीय मुद्राओं में लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्रा सेटलमेंट सिस्टम बनाने के उद्देश्य से फ्रेमवर्क बनाया जायेगा ताकि द्विपक्षीय लेनदेन में भारतीय रुपया और एईडी को बढ़ावा दिया जा सके। स्थानीय मुद्रा सेटलमेंट सिस्टम बनाये जाने से निर्यातक और आयातक अपनी अपनी मुद्राओं में बिल बना सकेंगे और भुगतान कर सकेंगे। इससे रुपया एईडी विदेशी मुद्रा विनमय बाजार को विकसित करने में मदद मिलेगी। इससे दोनों देशों के बीच निवेश और रीमिटेंस को भी बढ़वा मिलेगा।
इस दौरान भुगतान और मैसेजिंग सिस्टम के लिए भी करार किया गया है। दोनों केन्द्रीय बैंक अपने अपने फास्ट पेमेंट सिस्टम भारत के एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) और यूएई के इंस्टेंट पेमेंट प्लेटफाॅर्म (आईपीपी) को जोड़ने में सहयोग करने पर सहमत हुये हैं। इसके साथ ही रुपे स्विच और यूएईस्विच को भी जोड़ा जायेगा। इसके तहत ही दोनों देशों के भुगमान मैसेजिंग सिस्टमों को भी एकीकृत किया जायेगा।
रिजर्व बैंक ने अपने बयान में कहा कि यूपीआई आईपीपी को जोड़ने से दोनों के यूजर त्वरित, सुलभ और सुरक्षित तथा किफायती दरों पर सीमापार लेनदेन कर सकेंगें। कार्ड स्विचों को जोड़े जाने से घेरलू कार्ड का आपसी लेनदेन के लिए स्वीकार्यता बढ़ेगा और कार्ड भुगतान हो सकेगा। इसके साथ ही मैसेजिंग को जोड़े जाने से दोनों देशों के लिए वित्तीय मैसेजिंग हो सकेगा।