नई दिल्ली। कई राज्यों में हो रही लगातार बारिश के चलते दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया। केंद्रीय जल आयोग के बाढ़ निगरानी पोर्टल के मुताबिक, सोमवार शाम पांच बजे तक पुराने रेल ब्रिज पर जलस्तर 205.4 मीटर पर पहुंच गया। इसके मुताबिक, मंगलवार तक जलस्तर के 206.65 मीटर तक बढ़ने का अनुमान है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका नहीं है, लेकिन सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
केजरीवाल ने कहा कि नदी के 206 मीटर के निशान को पार करते ही निचले इलाकों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया जाएगा।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज पर पानी का प्रवाह सोमवार सुबह पांच बजे से धीरे-धीरे बढ़कर 3,05,768 क्यूसेक हो गया। देर रात एक बजे यह घटकर 1,90,837 क्यूसेक रह गया था। आमतौर पर, बैराज पर पानी का प्रवाह 352 क्यूसेक रहता है, लेकिन जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण इसका प्रवाह बढ़ जाता है।
दिल्ली सरकार ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों और यमुना के जलस्तर की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष सहित 16 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। उत्तर पश्चिम भारत में पिछले तीन दिन से लगातार बारिश हो रही है। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में ‘‘भारी से अत्यधिक भारी’’ वर्षा दर्ज की गई।
इससे नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है और आवश्यक सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में हुई सर्वाधिक बारिश है।