नयी दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए। इस दौरान नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय कंप्यूटर सेंटर और ‘प्रौद्योगिकी संकाय’ की इमारत और दिल्ली विश्वविद्यालय के अकादमिक ब्लॉक की आधारशिला भी रखी।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने ऐसे समय में अपने 100 वर्ष पूरे किए हैं, जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश हो, उसके विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थान, उसकी उपलब्धियों का सच्चा प्रतिबिंब होते हैं। DU की भी इन 100 वर्षों की यात्रा में कितने हीं ऐतिहासिक पड़ाव आएं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक समय था जब दिल्ली यूनिवर्सिटी में सिर्फ 3 कॉलेज थे, अब 90 से ज्यादा कॉलेज हैं। एक समय था जब भारत नाजुक अर्थव्यवस्थाओं की सूची में आता था और आज यह दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
आज डीयू में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब भारत में नालन्दा जैसे विश्वविद्यालय थे, तब भारत सुख और समृद्धि के शिखर पर था। जब भारत में तक्षशिला जैसे संस्थान थे, तब भारत का विज्ञान दुनिया का मार्गदर्शन करता था। ये वो समय था जब दुनिया में भारत की जीडीपी में हिस्सेदारी बहुत बड़ी थी।
मोदी ने कहा कि जिसके पास ज्ञान होता है वही सुखी और बलवान होता है। उन्होंने कहा कि निष्ठा धृति सत्यम्, विश्वविद्यालय का ये ध्येय वाक्य अपने हर एक छात्र के जीवन में मार्गदर्शक दीपक की तरह है… जिसके पास ज्ञान है वही सुखी है, वही बलवान है। वास्तव में वही जीता है जिसके पास ज्ञान है।
उन्होंने कहा कि 20वीं सदी के तीसरे दशक ने आजादी के आंदोलन को नई गति दी और इस 21वीं सदी का तीसरा दशक देश की विकास यात्रा को नई गति देगा। पिछले कुछ वर्षों में आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी और एम्स कॉलेजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। ये संस्थान नए भारत की आधारशिला बन रहे हैं।