दो वंदे भारत ट्रेनों को प्रधानमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर किय रवाना

अर्थव्यवस्था में विकास को मिलेगा बढ़ावा

भोपाल। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माेदी ने गोवा (मडगांव) मुंबई वंदे भारत , हुबली धारवाड़-बेंगलुरू वंदे भारत और रांची हटिया-पटना वंदे भारत का भी वीडियो लिंक के जरिए शुभारंभ किया।

इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई छगनभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्र सरकार में रेल एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव मौजूद थे ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भोपाल-इंदौर वंदे भारत एक्सप्रेस मालवा क्षेत्र (इंदौर) और महाकौशल बुंदेलखंड क्षेत्र से मध्य क्षेत्र (भोपाल) की कनेक्टिविटी में सुधार करेगी। इससे महाकालेश्वर, मांडू, महेश्वर, खजुराहो, पन्ना जैसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को जाने वाले यात्रियों को लाभ होगा।

रेलवे के अनुसार भोपाल इंदौर से जोड़ने वाली 20912/20911 यह ट्रेन करीब 254.41 किलोमीटर का सफर मात्र 3 घंटे पांच मिनट में पूरा करेगी। रविवार को छोड़कर सप्ताह के छह दिन चलने वाली यह गाड़ी मार्ग में केवल उज्जैन स्टेशन पर ठहरेगी।

यह रेलगाड़ी इस रूट की विद्यमान सबसे तेज़ रेलगाड़ी की तुलना में लगभग तीस मिनट तीव्र होगी। उद्घाटन यात्रा में रानी कमलापति स्टेशन से चलने वाली इंदौर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन नियमित परिचालन में भोपाल स्टेशन से चला करेगी।

जबकि 20174/20173 जबलपुर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन रानी कमलापति स्टेशन से चला करेगी। यह ट्रेन मार्ग में नर्मदापुरम्, इटारसी, पिपरिया और नरसिंहपुर रुका करेगी। यह गाड़ी मंगलवार छोड़ कर सप्ताह के छह दिन चला करेगी। यह गाड़ी जबलपुर से भोपाल के बीच की 334 किलोमीटर की दूरी चार घंटे 35 मिनट में तय करेगी।

इंदौर और जबलपुर दोनों वंदे भारत एक्सप्रेस में कुल आठ-आठ कोच हैं। इनमें सात एसी चेयर कार और एक एग्जीक्यूटिव क्लास कोच है, जिसमें 52 सीटें हैं। इसमें करीब 560 सीटें यात्रियों के लिए उपलब्ध रहेंगी। सी-1 और सी-7 में 44 सीट और अन्य में 78 सीटें हैं। एक एग्जीक्यूटिव कोच ई-1 में 52 सीटें होगी। इस ट्रेन का वाणिज्यिक परिचालन 28 जून से शुरू होगा।

प्रदेश के पर्यटन, शिक्षा और अर्थव्यवस्था में विकास को मिलेगा बढ़ावा

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस इस क्षेत्र के लोगों को तेज गति और सुविधा पूर्वक यात्रा करने का साधन प्रदान करेगी। इससे प्रदेश के पर्यटन, शिक्षा और अर्थव्यवस्था में विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे ट्रेनों को तेज गति से चलाने और ट्रेनों के चलने के समय को कम करने के साथ प्रदूषण मुक्त परिवहन प्रदान करने में मदद मिलेगी।

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