2,000 के नोट वापस लेने का अर्थव्यवस्था पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट वापस लेने के निर्णय के एक महीने के भीतर कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये में से दो तिहाई से ज्यादा (2.41 लाख करोड़ रुपये से अधिक) नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि 2,000 रुपये के नोट वापस लेने का अर्थव्यवस्था पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। केंद्रीय बैंक ने 19 मई को अचानक से 2,000 रुपये के नोट को वापस लेने का निर्णय किया था। लोग बैंक जाकर 30 सितंबर तक 2,000 रुपये के नोट बदलवा या जमा कर सकते हैं।
दास ने आरबीआई के अपने दफ्तर में समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि मोटे तौर पर 2000 के लगभग 85 प्रतिशत नोट बैंक खातों में जमा के रूप में आये हैं। यानी लोग बदलवाने की बजाय 2000 के नोट को बैंक में जमा ज्यादा कर रहे हैं। इससे पहले, 8 जून को मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद में दास ने कहा था कि 1.8 लाख करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट वापस आ गये हैं। यह चलन में मौजूद 2,000 रुपये के कुल नोट का लगभग 50 प्रतिशत था।

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