नयी दिल्ली। गलगलिया-बहादुरगंज के बीच 49 किमी की कुल लंबाई वाली परियोजना को 4 लेन का बनाने का कार्य मैसर्स जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स हाईवे लिमिटेड को सौंपा गया है। परियोजना की नियत तारीख 10.01.2022 है। वर्तमान में परियोजना का लगभग 70 प्रतिशत कार्य हो चुका है।
23.06.2023 की दोपहर को प्रमुख पुल का पिलर-3, अप्रत्याशित रूप से 600 एमएम धंस गया, जिससे इसके ढांचे को क्षति पहुंची है। यह पुल परिचालन में नहीं है और अभी निर्माणाधीन है। सुपरस्ट्रक्चर मई 2023 में बनाया गया था इस घटना में निर्माण कार्य में लगे किसी भी श्रमिक के हताहत होने का समाचार नहीं है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हाल ही में मेची नदी में नेपाल से पानी का प्रवाह अचानक बढ़ गया, जिस पर इस पुल का निर्माण किया गया है। आगे की प्रारंभिक जांच से यह भी पता चला है कि निर्माण गतिविधि के दौरान मेची नदी को पी-2, पी-3 और पी-4 के बहाव को चैनलाइज किया गया था, जिससे पानी का प्रवाह बाधित हो गया और रेतीली नदी के तल में अत्यधिक रिसाव हुआ।
इस घटना के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों, रियायतग्राही और स्वतंत्र अभियंता की टीम घटना स्थल पर पहुंची और पी-3 पर पाईल नींव में आगे किसी भी स्थिति से बचाव के लिए आवश्यक प्रारंभिक सुधार कार्य किये।
इस बीच, स्वतंत्र अभियंता के टीम लीडर और पुल इंजीनियर- मैसर्स चैतन्य प्रोजेक्ट कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड और रियायतग्राही, मैसर्स गलगलिया बहादुरगंज हाईवे प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक और उप परियोजना प्रबंधक (संरचना) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, ताकि जांच किसी भी प्रभाव के चलते बाधित न हो सके।
जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन
इस घटना की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया गया है सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सेवानिवृत अपर महानिदेशक श्री ए. के. श्रीवास्तव, प्रधान तकनीकी अधिकारी – पुल (सेवानिवृत्त), एस.के. शर्मा, सी.आर.आर.आई. और , वेंकटराम, (पी.जी.) मैसर्स एल एंड टी इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग लिमिटेड शामिल हैं।
विस्तृत जांच के लिए ये दल आज घटना स्थल का दौरा करेगा और सीएच 24+461 पर मुख्य पुल पर पिलर-3 के धंसने पर स्थिति की समीक्षा करेगा और सुधारात्मक उपाय करेगा।