- हाथ में बांधे रखता था कलावा, पुलिस ने जेल भेजा
- अपना फर्जी आधार कार्ड भी बनाया था आरोपित ने
देहरादून। अपना धर्म छिपाकर बिजनौर के एक युवक ने दून की एक युवती से पहले दोस्ती और फिर प्यार का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण किया। बात सगाई तक भी पहुंच गई। इस दौरान युवक ने युवती के गहने तक गिरवी रखवा दिए। अपना धर्म छिपाने के लिए युवक अपने हाथ में कलावा भी बांधा करता था और अपना फर्जी आधार कार्ड भी बना रखा था। सच्चाई सामने आने के बाद युवती ने कैंट पुलिस को मामले की शिकायत दी। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया है।
जानकारी के अनुसार पंडितवाडी निवासी युवती ने कैंट पुलिस को शिकायत देते हुए बताया कि उसकी इस्टाग्राम में लक्की राणा नाम के युवक से दोस्ती हुई और फिर दोनों में प्यार हो गया। लक्की राणा उससे दून आकर मिलता लगा और शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध भी बनाए। लक्की खुद को वकील बताता था। उसके पिता भी बिजनौर में वकील हैं।
युवती के अनुसार लक्की राणा के पिता भी उससे मिलने दून आये थे। मुलाकात के बाद लक्की राणा से उसकी सगाई तय हो गई। अक्टूबर माह में उसकी लक्की से सगाई होना तय हुआ या था। इस दौरान लक्की ने उसके जेवरात एक लाख रुपये में गिरवी रखवा दिए। बीते रोज युवती को पता चला कि लक्की राणा दूसरे धर्म का है। लक्की के छोटे भाई ने हैप्पी राणा बनकर उसकी छोटी बहन से दोस्ती की थी।
आरोपित के पिता को सब कुछ पता होने के बाद भी उन्होंने आरोपित का साथ दिया। पुलिस ने आरोपित युवक को गिरफ्तार कर उसकी तलाशी ली तो उसके पास से लक्की राणा पुत्र दिनेश राणा के नाम का आधार कार्ड भी बरामद हुआ, जो फर्जी नाम से बनाया गया था। पुरोला, उत्तरकाशी, मसूरी, चकराता में भी एेसे मामले देखने को मिले है। इससे कई शहरों में स्थिति तनावपूर्ण हो रखी है। पुलिस ने युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध में दर्ज करें मुकदम
उत्तराखण्ड राज्य के सभी जनपदीय पुलिस प्रभारियों को पूर्व में निर्गत निर्देशों के क्रम में कुछ मीडिया रिपोर्ट से भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इस संबन्ध में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने पुन: स्पष्ट किया कि मौजूदा समय में घटित घटनाओं के मध्यनजर विशेष सतर्कता बरतते हुए महिलाओं के खिलाफ घटित होने वाले व्यपहरण, लज्जा भंग आदि अपराधों को तत्काल मुकदमा कर वैधानिक कार्रवाई के निर्देश मुख्यालय द्वारा जारी किए गए हैं। इसके साथ ही उत्तरखण्ड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 (यथा संशोधित 2022) के प्राविधानों के अन्तर्गत प्रकरणों का परीक्षण कराने को भी कहा गया है, ताकि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनी रहे।