नई दिल्ली। कांग्रेस ने नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय का नाम बदले जाने को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर ‘संकीर्ण सोच और प्रतिशोध’ से काम करने का आरोप लगाया और कहा कि जिनका अपना इतिहास नहीं है वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह दावा भी किया कि सरकार के इस कदम से भाजपा-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ‘ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये’ का परिचय मिलता है। उनका यह भी कहना है कि ऐसे कदम से पंडित जवाहरलाल नेहरू की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी (एनएमएमएल) का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी’ कर दिया गया है, जिसे लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी है। तीन मूर्ति भवन भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक आवास था।
खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं ! नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता। इससे केवल भाजपा-आरएसएस की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है। ” उन्होंने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार की बौनी सोच, ‘हिन्द के जवाहर’ का भारत के प्रति विशालकाय योगदान कम नहीं कर सकती !”
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का ख़ज़ाना रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा।” उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी, भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे। अपनी असुरक्षाओं के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है।”