आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान पर आयोजित महारैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार पर जमकर गरजे है। इस रैली में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहंकारी हैं और वो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी नजरअंदाज करते है।
रैली के दौरान संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 12 साल पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ हम यहां आए थे। उसी मैदान पर अहंकारी तानाशाह को हटाने के लिए हमें दोबारा आना पड़ा है। मोदी सरकार दिल्ली की जनता के अधिकारों को छिनने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी नजरअंदाज कर रही है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नहीं मानता हूं। मैं दिल्ली की जनता के वोट का सम्मान नहीं करता हूं। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने ये रैली केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ बुलाई है। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि केंद्र सरकार दिल्ली में चुनी हुई सरकार को काम करने से रोक रही है। इस रैली के दौरान अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। ‘आप’ नेता ने दावा किया कि दिल्ली ‘‘वार का सामना करने वाला पहला शहर है’’।
उन्होंने कहा कि एक लाख से अधिक लोग यहां मौजूद हैं और अभी भी हजारों लोग बाहर से आ रहे है। सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया था उसे 19 मई मोदी जी ने खारिज कर दिया। भारत के 75 वर्षों के इतिहास में ये पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी लागू नहीं किया है। देश के लोगों को यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि अहंकारी प्रधानमंत्री भी हो सकता है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा था कि दिल्ली की जनता सुप्रीम है, मगर पीएम ने अध्यादेश पारित कर इस आदेश को खारिज कर दिया। इस अध्यादेश के मुताबिक दिल्ली के अंदर जनतंत्र नहीं होगा। इसका सीधा अर्थ है कि दिल्ली में तानाशाही चलेगी, जिसके बाद जनता नहीं बल्कि उपराज्यपाल को सर्वोच्च माना जाएगा। इसका सीधा अर्थ है कि जनता चाहे किसी को भी वोट दे मगर शासन सिर्फ प्रधानमंत्री ही करेंगे। देश में संविधान है, जिसके मुताबिक देश में जनतंत्र होगा यानी जनता को सर्वोच्च माना जाता है। मगर प्रधानमंत्री संविधान को ही बदल रहे है।
उन्होने कहा कि मैं इस अध्यादेश के खिलाफ कई पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की है। दिल्ली वालों के साथ पूरा देश है। 140 करोड़ लोगों को मिलकर इस अध्यादेश का विरोध करना है और जनतंत्र को बचाना है।
आज जो दिल्ली के साथ हुआ है वो आने वाले दिनों में राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि के लिए भी होगा। उस समय भी इसे रोकना होगा। उन्होंने कहा कि सबसे पहले दिल्ली पर ‘‘वार’’ हुआ और अन्य राज्यों के लिए भी इसी तरह के अध्यादेश लाए जाएंगे