किसान और पहलवान लेंगे बड़ा फैसला,पुलिस ने ऐहतियातन सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कई पहलवान दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं। प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थन में रविवार को किसानों की बैठक होने वाली है, जिसके मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

पुलिस ने यह जानकारी दी। जंतर मंतर पर 23 अप्रैल से पहलवानों का प्रदर्शन जारी है जिसकी अगुवाई विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया कर रहे हैं।

पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ प्रमुख ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के बाद पहलावनों ने मांग की थी कि 21 मई तक बृजभूषण की गिरफ्तारी होनी चाहिए, जिसकी समय सीमा आज समाप्त हो रही है। इस समय सीमा के खत्म होने के बाद पहलवानों ने बड़े आंदोलन को करने का ऐलान किया था। इसे लेकर अब किसानों के साथ पहलवान मिलकर आगे की रणनीति तैयार करेंगे।

वहीं रविवार को होने वाले किसानों और पहलावनों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने ऐहतियातन सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। पुलिस ने कहा कि शहर की सीमाओं पर बहुस्तरीय अवरोधक लगा दिए गए हैं और जांच तेज कर दी गई है। पुलिस ने यह भी कहा कि दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों की जांच की जाएगी और चौकियां बढ़ाई जाएंगी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, जंतर-मंतर और उसके आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं और विरोध प्रदर्शन स्थल पर पहले से ही बहुस्तरीय अवरोधक लगा दिए गए हैं। पूरे क्षेत्र में 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर गश्त बढ़ाई जाएगी। जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने शनिवार को चेतावनी दी थी कि महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ निष्क्रियता का विरोध करने के लिए रविवार को बड़ा फैसला लिया जा सकता है, जो देश के हित में नहीं हो सकता है। पहलवानों के आंदोलन को आगे बढ़ाने को लेकर खाप महापंचायत के लिए 21 मई की समय सीमा तय की गई है। बृजभूषण पर नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

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