यूपीईएस ने किया वॉटर इनोवेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन

देहरादून। प्रमुख प्राइवेट मल्टी-डिसिप्लिनरी यूनिवर्सिटी, यूपीईएस (UPES) ने वॉटर इनोवेशन कॉन्फ्रेंस 2023 का आयोजन किया। इस दौरान वॉटर इनोवेशन के क्षेत्र में प्रगति, जल की क्षमता में सुधार और इकोसिस्टम्स की सुरक्षा के लिए संबंधित विचारों पर चर्चा की गई।

इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में उन चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला गया, जो जल क्षेत्र के लिए टेक्नोलॉजी में शुरुआती तौर पर देखी जा सकती हैं। साथ ही जल से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए नई टेक्नोलोजीस, पॉलिसीस और स्ट्रेटेजीस की खोज की गई, जिसका सामना दुनिया भर के समुदाय करते हैं।

यूपीईएस, टीआईई देहरादून और इजरायल दूतावास के साथ संगठित किया गया, इस कॉन्फ्रेंस के पहले संस्करण में प्रमुख टीचर्स, रिसर्चर्स, स्टेकहोल्डर्स, डिप्लोमेट्स, सिविल सोसाइटी के रिप्रेजेंटेटिव्स, एनजीओ और जल तकनीक क्षेत्र के स्टार्ट-अप्स की हिस्सेदारी देखी गई। इस कॉन्फ्रेंस के तहत जल की कुशलता में सुधार और इकोसिस्टम्स की सुरक्षा के लिए बेहतर स्ट्रेटजीस का पता लगाने के लिए एक विशेष नॉलेज एक्सचेंज प्लेटफॉर्म प्रदान किया गया।

इस कार्यक्रम में विभिन्न रिसर्चर्स और टीचर्स उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. अनिल पी. जोशी, हेस्को; प्रोफेसर हदास मामाने, तेल अवीव विश्वविद्यालय; डॉ. दुर्गेश पंत, डायरेक्टर जनरल यूकोस्ट; डॉ. लियोर आसफ, वॉटर अताशे, इज़राइल एम्बेसी; श्री प्रकाश, प्रेसिडेंट, टीआईई देहरादून; डॉ. विनोद कोठारी, हिममोत्थान; और श्री अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड के नाम शामिल हैं।

इन स्पीकर्स द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई और स्मार्ट वॉटर मैनेजमेंट, आर्थिक समृद्धि के लिए वॉटर इंफ्रास्ट्रक्चर, और जल सुरक्षा के लिए जल और इकोसिस्टम को जोड़ने वाले नीतिगत दृष्टिकोण पर विचार साझा किए गए। इस समिट में जल के क्षेत्र में भारत-इजरायल के कोलेबरेशन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, जिन्हें माउंटेन मैन के नाम से भी जाना जाता है, ने “फोकस ऑन वॉटर- उत्तराखंड” पर अपने विचार साझा किए। इसके अतिरिक्त, युग्रीन टेक्नोलॉजी, एग्री जॉय, एक्रेसोफिस और आकाशमित्र जैसे विभिन्न अग्रगामी स्टार्टअप्स ने भी पैनल चर्चा में हिस्सा लिया।

यूपीईएस ने सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से शानदार प्रतिभाओं को एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया, जिसका दृष्टिकोण वॉटर इनोवेशन के भविष्य को आकार देना, और युवाओं को इसमें बढ़-चढ़कर काम करने व मौजूदा समस्याओं को हल करने के लिए प्रेरित करना है।

यूपीईएस के विषय में :
यूपीईएस की संस्थापना वर्ष 2003 में उत्तराखण्ड विधानसभा के यूपीईएस एक्ट, 2003 द्वारा हुई थी, यह यूजीसी से मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी है और इसे एनएएसी से ग्रेड ‘ए’ मिला है। शिक्षा मंत्रालय के नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) ने यूपीईएस को भारत के कॉलेजों एवं संस्‍थानों में 65वीं रैंकिंग दी है, यूपीईएस का स्‍कूल ऑफ इंजीनियरिंग 61वें नंबर पर, मैनेजमेंट स्‍कूलों में स्‍कूल ऑफ बिजनेस 41वें नंबर पर और स्‍कूल ऑफ लॉ भारत में 21वें स्‍थान पर है। इस यूनिवर्सिटी को वैश्विक मान्‍यता प्राप्‍त क्‍यूएस रेटिंग से रोजगार योग्‍यता (प्‍लेसमेंट्स) में 5 स्‍टार मिले हैं और इसने पिछले कुछ वर्षों में 90% से ज्‍यादा प्‍लेसमेंट्स दिये हैं।
यूपीईएस अपने आठ स्‍कूलों के माध्‍यम से ग्रेजुएट और पोस्‍टग्रेजुएट प्रोग्राम्‍स की पेशकश करती है: स्‍कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्‍कूल ऑफ कंप्‍यूटर साइंस, स्‍कूल ऑफ डिजाइन, स्‍कूल ऑफ लॉ, स्‍कूल ऑफ बिजनेस, स्‍कूल ऑफ हेल्‍थ साइंसेस एंड टेक्‍नोलॉजी, स्‍कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया और स्‍कूल ऑफ लिबरल स्‍टडीज।

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