शिवसेना के एक धड़े का नेतृत्व करने वाले उद्धव ठाकरे ने विश्वास जताया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के शरद पवार के फैसले से महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को नुकसान नहीं होगा। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह (पवार) ऐसा कुछ नहीं करेंगे, जिससे विपक्षी एकता को नुकसान पहुंचे।
मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नहीं
ठाकरे ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नहीं हैं बल्कि तानाशाही के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, “राकांपा में जारी घटनाक्रम से एमवीए को नुकसान नहीं होगा।” हालांकि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के पवार के फैसले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पवार ने मंगलवार को राकांपा अध्यक्ष पद छोड़ने की घोषणा की थी, जिससे पार्टी और विपक्षी गठबंधन को झटका लगा था। एमवीए में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं। नवंबर 2019 से जून 2022 के बीच महाराष्ट्र में एमवीए की सरकार थी।
उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि धर्म के नाम पर वोट मांगने के लिए उनके पिता बाल ठाकरे के मतदान करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक में ‘जय बजरंग बली’ नारे का इस्तेमाल करके वोट मांग कर रहे हैं। उद्धव ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हो सकता है कि चुनाव से संबंधित कानून अब बदल गए हों।” मोदी ने बुधवार को कर्नाटक के लोगों से कांग्रेस को “सजा” देने के लिए वोट देते समय ‘जय बजरंग बली’ का नारा लगाने की अपील की।कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया है, जिसे लेकर भाजपा के नेता पार्टी के खिलाफ हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। नब्बे के दशक के अंत में एक सार्वजनिक रैली में “धर्म के नाम पर वोट मांगकर भ्रष्ट आचरण” में लिप्त पाए जाने के बाद बाल ठाकरे के मतदान करने पर छह साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था। उद्धव ने कहा, “यदि मोदी जय बजरंग बली कह रहे हैं, तो मैं भी कर्नाटक में रहने वाले मराठी भाषी लोगों से मतदान करते समय ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ का नारा लगाने की अपील करता हूं।”