भारत लाभ लेने वाला नहीं दूसरों को देने वाला है देश

नयी दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने  कहा कि भारत धर्म के मानने वालों का देश है, जो देश धर्म को मानने वाला होता है, वह किसी का लाभ नहीं उठाता।वह किसी से लेता नहीं है। सिर्फ प्रेम का लेनदेन करता है। भारत लाभ लेने वाला नहीं, भारत अपना लाभ दूसरों को देने वाला देश है।

दान देने, खुद का पेट भरने से पहले दूसरों का पेट भरना यह हमारी जन्मजात प्रवृत्ति है। यह हमें साइंस ने नहीं, बल्कि धर्म ने सिखाया है। भागवत ने कहा कि विश्वगुरु बनने के लिए भारत को वेदों के ज्ञान और प्राचीन भाषा संस्कृत को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति रुढ़ीवादी नहीं है, बल्कि समय के साथ बदलती रही है और ऐसी नहीं है जो हमसे यह कहे कि क्या खाना है और क्या नहीं खाना है। गुजरात के बनासकांठा जिला स्थित मुदेती गांव में श्री भगवान याज्ञवलक्य वेदतत्वज्ञान योगाश्रम ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मोहन भागवत ने यह कहा।

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