रुड़की।वरिष्ठ संघ कार्यकर्ता आरके शर्मा राही ने पवित्र रमजान का आखरी रोजा रख हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश की।आरके शर्मा राही विगत तीस वर्षों से अधिक समय से प्रत्येक रमजान का आखिरी रोजा सद्भावना के तौर पर रखते हैं।
अपने घर पर वह प्रातः चार बजे उठकर सहरी खाते हैं तथा उसके बाद शाम को दिन छिपे अपने शिक्षक गुरु के आवास पर पहुंचकर रोजा खोलते हैं,जहां उन्हें उनके शिक्षक गुरु व अंतर्राष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी खुजूर खिलाकर उनका रोजा इफ्तार कराते हैं।आर के शर्मा राही का कहना है कि वह अपने गुरु की प्रेरणा से ही गत 32 वर्षों से लगातार यह रोजा रखते आ रहे हैं।वरिष्ठ समाजसेवी ईश्वर लाल शास्त्री ने कहा कि आरके शर्मा राही ने आज के इस दौर में लोग जहां नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं,वहीं इनके द्वारा सद्भावना रोजा रखना सर्वधर्म समभाव का प्रतीक है,क्योंकि इनके गुरु होली,दिवाली कथा कांवड़ सेवा कर जैसे प्राचीन पर्वों का आयोजन कर राष्ट्रीय एकता का संदेश देते हैं।इस अवसर पर पीयूष ठाकुर,शशी सैनी,दिनेश पहलवान सुंदरियाल,मौलाना अरशद कासमी,मोहम्मद कौशर एडवोकेट,ओमप्रकाश नूर, विकास वशिष्ठ,शशि सैनी, इमरान देशभक्त,सलमान फरीदी,सैयद नफीस उल हसन आदि भी मौजूद रहे।