बीजिंग। चीनी शोधकर्ताओं की ओर से कराये गये और प्रकृति पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण 2020 में चीन में वुहान के बाजार बंद होने से पहले अतिसंवेदनशील रेकून कुत्तों और अन्य जानवरों को कोविड-19 के कारण वुहान के बाजार में बेचा गया था। बहरहाल यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि क्या वे (पशु) मनुष्यों में संक्रमण फैलाते हैं।
अनुसंधान का उद्देश्य जनवरी 2020 में कोविड-19 प्रकोप के संभावित कारणों की पहचान करने के लिए दुनिया के पहले कोविड-19 हॉटस्पॉट, वुहान में बाजार के भीतर और आसपास के विभिन्न स्थानों से एकत्र किए गए पर्यावरणीय नमूनों का विश्लेषण करना था।
अध्ययन में कहा गया है,‘‘हमारे अध्ययन ने इसके बंद होने से पहले बाजार में रेकून कुत्तों और अन्य परिकल्पित/संभावित सार्स-कोव2 अतिसंवेदनशील जानवरों के अस्तित्व की पुष्टि की। वहीं, शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन किए गए नमूने यह साबित नहीं कर सके कि जानवर संक्रमित थे या नहीं। शोध में कहा गया,‘‘इसके अलावा, भले ही जानवर संक्रमित थे, हमारा अध्ययन इस बात से इंकार नहीं करता है कि मानव-से-पशु संचरण हुआ।
वैज्ञानिकों ने कहा कि वे संक्रमित मनुष्यों या कोल्ड चेन उत्पादों के माध्यम से बाजार में वायरस के पहुंचने की संभावना से इंकार नहीं कर सकते, वायरस के प्रकोप के संभावित कारणों की जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वित प्रयासों के साथ काम करने की दरकार है।
यह शोध चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, द इंस्टीट्यूट आफ माइक्रोबायोलॉजी आफ द चाइनीज एकेडमी आफ साइंसेज और चीन के अन्य प्रमुख संस्थानों के सदस्यों द्वारा किया गया था। मार्च 2021 में, डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 की उत्पत्ति पर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें कहा गया था कि इस बात की सबसे अधिक संभावना है कि यह वायरस किसी चमगादड़ों से मनुष्यों के बीच किसी मध्यस्थ से फैलता है और यह मध्यस्थ मिंक, कुत्ते, घरेलू बिल्लियाँ, शेर, बाघ और रैकून कुत्ते भी हो सकते हैं।
रिपोर्ट के पीछे विशेषज्ञों की टीम में 17 चीनी वैज्ञानिक और अन्य देशों के 17 वैज्ञानिक, साथ ही डब्ल्यूएचओ और अन्य विशेष अंतरराष्ट्रीय संगठनों के शामिल थे। यह शोध चीन के वुहान में 14 जनवरी से 10 फरवरी, 2021 के बीच किया गया।