भुवनेश्वर। ओडिशा की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने राज्य में बालासोर के एक व्यक्ति को निवेशकों से पैसा लेने के धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया है और साथ ही फर्जी ऐप ‘क्लाउड फुट’ आनलाइन पोंजी घोटाले का भंडाफोड़ किया है। ईओडब्ल्यू के सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि बालासोर के अंगरगड़यिा के आरोपी नीलेश कुमार कर को गुरुवार को क्रिप्टो खनन कंपनी होने का धोखाधड़ी से दावा करने वाली पोंजी योजना चलाने के लिए ओडिशा प्रोटेक्शन आफ इंटरेस्ट आफ डिपॉजिटर्स कानून की विभिन्न धाराओं के गिरफ्तार किया गया।
आरोपी को बालासोर में ओपीआईडी अधिनियम के तहत नामित अदालत के समक्ष पेश किया गया और उसे चार दिन के पुलिस रिमांड पर भुवनेश्वर लाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, बालासोर में सहदेबखुंटा के एक महामन्या जेना की शिकायत के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि नीलेश ने उन्हें अतिरिक्त पैसे कमाने के लिए ‘क्लाउड-फुट’ नामक ऐप, वेबसाइट में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने 2,13,038 रुपये का निवेश किया, लेकिन जब उन्हें अपनी निवेशित राशि पर पैसा मिलना था, तो अचानक वेबसाइट ने काम करना बंद कर दिया। नीलेश ने दावा किया कि क्लाउड फुट एक अमेरिका की कंपनी है और नकली आरबीआई प्रमाणपत्र और निवेशकों का विश्वास हासिल करने के लिए जिला के रूप में ‘क्लाउड-फुट’ के नकली नियुक्ति पत्र भी तैयार करता है।
उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार ने ‘क्लाउड फुट’ के साथ 10 साल का करार किया है। ईओडब्ल्यू के सूत्रों ने कहा कि पोंजी फार्म ने बालासोर के लगभग दो सौ निवेशकों सहित देश भर में 80 हजार से अधिक निवेशकों को बहुत कम समय में अपने पैसे को दोगुना करने का वादा किया। जिससे आकर्षित होकर निवेशकों ने इस कंपनी में निवेश किया। उन्होंने बताया कि अभियुक्तों के कब्जे से एक मोबाइल फोन, जिसमें कई आपत्तिजनक सामग्री, गवर्नर, आरबीआई द्वारा कथित रूप से जारी फर्जी प्राधिकर, प्रमाण-पत्र और अभियुक्तों को क्लाउड-फुट द्वारा जारी किया गया नियुक्ति पत्र भी जब्त किया गया है।