गुवाहाटी । असम सरकार ने सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार के लिए एक आयोग के गठन की मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने असम सार्वजनिक सेवा का अधिकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 को मंजूरी दे दी है।
आयोग एक मुख्य आयुक्त और तीन अन्य सदस्यों के साथ एक स्वतंत्र अर्ध-न्यायिक निकाय होगा। इसकी भूमिका लोक सेवकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का सुझाव देना होगा, जो एक विशिष्ट समय सीमा के भीतर प्रदान करने के लिए अधिसूचित सेवाओं को प्रदान करने में लगातार असफल रहते हैं।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आयोग की स्थापना सार्वजनिक सेवा वितरण के मामले में असम को एक आदर्श राज्य बनाएगी। उन्होंने घोषणा की कि योग्य उम्मीदवारों के लिए 10 मई से 20 मई के बीच 51,397 सरकारी पदों पर नियुक्तियां जारी की जाएंगी, जिसमें ग्रेड-4 में 14 हजार से अधिक नौकरियां, ग्रेड-3 में 11 हजार से अधिक नौकरियां, शिक्षा विभाग में 14 हजार से अधिक नौकरियां और पुलिस बल में लगभग छह हजार नौकरियां दी जाएंगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने चुनाव से पहले एक लाख नौकरियां सृजित करने का वादा किया था और 50 हजार से अधिक लोगों को सरकारी क्षेत्र में भर्ती करने के लिए परीक्षाओं के परिणाम छह मई को घोषित किए जाएंगे।
इसके अलावा, चाय जनजाति कल्याण विभाग और निदेशालय का नाम बदलकर चाय जनजाति और आदिवासी कल्याण किया जाएगा। सरमा ने कहा कि मंत्रिपरिषद ने सभी अधिक आयु वर्ग के उम्मीदवारों की उम्र माफ करने पर भी सहमत जतायी है, जिन्हें 10 जनवरी, 2021 और 29 मई, 2022 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रशासित लिखित परीक्षा देने की अनुमति दी गई है।
बैठक में उदलगुरी जिले में सड़कों, पुलों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई विकासात्मक परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी।