चेन्नई । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ) ने रविवार को रीयूजेबल लॉन्च वीइकल आटोनॉमस लैंडिंग मिशन (आरएलवी-एलईएक्स) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इसके साथ भारत का अपना पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन होने का सपना वास्तविकता के एक कदम करीब पहुंच गया है।
राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि यह परीक्षण आज तड़के कर्नाटक के चित्रदुर्ग में वैमानिकी परीक्षण रेंज (एटीआर ) में किया गया। आरएलवी ने सुबह 7:10 बजे भारतीय वायु सेना के एक चिनूक हेलीकॉप्टर द्वारा अंडरस्लंग लोड के रूप में उड़ान भरी और 4.5 किमी (एमएसएल से ऊपर) की ऊंचाई हासिल की।
इसरो ने सिलसिलेवार ट्वीट में बताया कि आरएलवी के मिशन मैनेजमेंट कंप्यूटर कमांड के आधार पर एक बार पूर्व निर्धारित पिलबॉक्स पैरामीटर प्राप्त हो जाने के बाद, आरएलवी को मध्य हवा में 4.6 किमी की डाउन रेंज में छोड़ा गया है।
इसरो ने बताया कि स्थितियों में स्थिति, वेग, ऊंचाई और शरीर की दर आदि को कवर करने वाले 10 पैरामीटर शामिल है। आरएलवी का परीक्षण स्वायत्त है। आरएलवी ने तब एकीकृत नेविगेशन, मार्गदर्शन और नियंत्रण प्रणाली का उपयोग करके दृष्टिकोण और लैंंिडग युद्धाभ्यास किया और सुबह 7:40 बजे एटीआर हवाई पट्टी पर एक स्वायत्त लैंडिंग पूरी की। इसके साथ ही इसरो ने अंतरिक्ष यान की स्वायत्त लैंडिंग सफलतापूर्वक हासिल की।