रूद्रपुर। रमपुरा मंदिर से मां अटरिया देवी का भव्य डोला गाजे-बाजे के साथ महंत पुष्पा देवी की अगुवाई में आज अटरिया मंदिर पहुंचा जहां मेले का फीता काटकर विधिवत शुभारंभ पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने किया।शुभारंभ अवसर पर पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि क्षेत्र की सबसे पौराणिक मेला अटरिया मेला विगत सैकड़ो वर्षो से रूद्रपुर में लगता है। भू माफियाओं एवं धर्म विरोधी लोगों की वजह से मां अटरिया के मेले का स्वरूप निरंतर सिमटता जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंदिर समिति के साथ मुलाकात कर जल्दी मां अटरिया मेले को पुनर्जीवित करने एवं भव्य और दिव्य मां अटरिया मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग करेंगे। कहा कि प्राचीन मंदिर मां अटरिया धाम करीब 200 ईसवी का बताया जाता है। कहा जाता है कि निर्माण के बाद किसी आक्रमणकारी ने मंदिर को तोड़ दिया था और मूर्तियां पास के कुएं में डाल दिया था। 1588 ईसवी में अकबर का शासन काल था। जिसके बाद तराई का क्षेत्र राजा रुद्र चंद के कब्जे में आया।
जंगल में शिकार खेलने गए राजा रुद्र चंद्र के रथ का पहिया दलदल में फंस गया। पहिया नहीं निकलने पर राजा ने उसी स्थान पर रात्रि विश्राम का फैसला किया। मां अटरिया ने रात्रि के समय स्वप्न में राजा को दर्शन दिए और कुएं में मूर्तियां होने की बात बतलाई। जिसके बाद उसी जगह पर राजा रुद्र चंद्र ने सन 1600 ईस्वी में फिर से मूर्तियों को स्थापित किया और मंदिर का निर्माण किया। जिसके बाद से लगातार मंदिर में दर्शन और पूजन का क्रम जारी है। मां अटरिया धाम में दर्शन के लिए हर वर्ष हजारों की संख्या में लोग पहुचते हैं जिनकी मुरादे मां पूरा भी करती हैं।
आज रमपुरा मंदिर से मां अटरिया देवी का भव्य डोला किच्छा रोड, इंदिरा चौक, नैनीताल रोड, डीडी चौक, अटरिया मोड, जगतपुरा होते हुए प्राचीन श्री अटरिया देवी माता शक्तिपीठ जगतपुरा पहुंचा, जहां मेले का विधिवत शुभारंभ पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने किया। जगह-जगह माता रानी के भक्तों ने पुष्प वर्षा कर डोले का स्वागत किया। आज से 21 दिनों तक चलने वाला यह भव्य अटरिया मेला शुरू हुआ। अटरिया माता के डओला हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर माता रानी के दर्शन किए।
इस दौरान महंत पुष्पा देवी, प्रबंधक अरविंद शर्मा, सुनीता गौड़, कोषाध्यक्ष सौरभ शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष उत्तम दत्ता, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किसान मोर्चा अनिल चौहान, तरुण दत्ता, पार्षद बबलू सागर, शिवकुमार शिबू, शिवम ओझा, मनीष शुक्ला, राम प्रकाश गुप्ता, दीपा शर्मा, सेवा राम, धर्मराज चौधरी, राम सिंह, जितेंद्र कुमार, सूरज यादव, दिलीप सिंह, संतोष दिवाकर, बबलू सागर समेत हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।