नयी दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल के डिजिटाइज्ड क्लेम सेटलमेंट मॉड्यूल डिजीक्लेम का गुरुवार को यहां शुभारंभ किया। इस नवाचार के साथ ही, दावों का वितरण अब इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाएगा, जिसका सीधा लाभ प्रारंभ में छह राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और हरियाणा के संबंधित किसानों को होगा।
दावा भुगतान की प्रक्रिया अब स्वचालित हो जाएगी क्योंकि राज्यों द्वारा पोर्टल पर उपज डेटा जारी किया जाता है। तोमर ने बटन दबाकर इन राज्यों के बीमित किसानों को 1260.35 करोड़ रुपए के बीमा दावों का भुगतान किया। तोमर ने कहा कि डिजीक्लेम के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नई विधा का शुभारंभ हु्आ, जिससे केंद्र-राज्य सरकारों को सुविधा के साथ ही, किसानों को क्लेम मिल जाएं, इसकी सुनिश्चितता पारदर्शिता के साथ की जा सकेगी।
आयुष्मान भारत योजना के बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, देश की बहुत बड़ी योजना है, जो प्राकृतिक परिस्थितियों पर आधारित है। पिछले छह साल से संचालित इस योजना के अंतर्गत बीमित किसानों को उनकी उपज के नुकसान की भरपाई के रूप में अभी तक 1.32 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय सभी राज्य सरकारों, बीमा कंपनियों और किसानों के संपर्क में भी रहता है और समय-समय पर आने वाली कठिनाइयों का परिमार्जन किया जाता है।
पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के लिए ग्रिवांस पोर्टल बनाया गया है, जिसका लाभ परिलक्षित हो रहा है। इस पोर्टल को पूरे देश के लिए उपयोग करें, इसकी कोशिश हो रही है। अभी तक सामान्य तौर पर यह माना जाता था कि जो किसान ऋणी है, वहीं बीमित होता है लेकिन प्रसन्नता की बात है कि इस संबंध में जागरुकता तेजी से बढ़ रही है और गैर-ऋ णी किसान भी फसल बीमा कराने की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र के समक्ष चुनौतियां तो रहती ही है, लेकिन इनका समाधान बहुत ही शिद्दत के साथ सरकारें कर सकें, इसमें टेक्नालाजी विशेष सहायक है। आम किसानों तक मौसम की सटीक जानकारी भी पहुंच सकें, इसके लिए टेक्नॉलॉजी की मदद से कृषि मंत्रालय द्वारा प्रयास किया गया है।
उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों, राज्य सरकारों एवं किसानों सबका समन्वय बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अब अनेक राज्य प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ने के लिए निरंतर अग्रसर हो रहे हैं। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, केंद्रीय कृषि सचिव मनोज अहूजा, पीएमएफबीवाई के सीईओ रितेश चौहान सहित उ.प्र., राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और हरियाणा के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।