खेल विकास निधि की रिपोर्ट में लगातार देरी, संसदीय समिति ने कर्मचारी बढ़ाने को कहा

नयी दिल्ली।  संसद की एक समिति ने खेल-कूद को प्रोत्साहित करने के लिए खेल मंत्रालय के तहत आने वाली राष्ट्रीय खेल-कूद विकास निधि (एनएसडीएफ) के वार्षिक प्रतिवेदनों और लेखा परीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने में विलम्ब के मुद्दे को रेखांकित करते हुए हिंदी और अंग्रेजी में इन रिपोर्टों तथा इनमें ‘विलम्ब संबंधी विवरण’ को मंत्रालय की बेब साइट पर अविलंब डालने की सिफारिश की है।

राज्य सभा के सभापटल पर रखे जाने वाले पत्रों संबंधी सांसद कामाख्या प्रसाद तासा की अध्यक्षता वाली समिति ने मंगलवार को प्रस्तुत आने 169वें प्रतिवेदन में कहा कि एनएसडीएफ संगठन में लेखा कर्मचारियों की कमी के मुद्दे को बिना देरी के सुलझाया जाना चाहिए। समिति ने कंप्यूटरीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता पर भी बल दिया है।

समिति की राय में इससे लेखा और लेखापरीक्षा प्रक्रिया को अत्यावश्यक गति मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि एनएसडीएफ का उद्देश्य खेलकूद संबंधी गतिविधियों को प्रति प्रदान करना और अनुकूलन लाना है। यह निधि तकनीकी, वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक समर्थन के साथ खिलाड़यिों को अंतरराष्ट्रीय ख्याति के प्रशिक्षकों की निगरानी में प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर देने और खिलाड़यिों को उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सहायता करती है।

रिपोर्ट के अनुसार समिति ने एनएसडीएफ की वार्षिक रिपोर्टों और लेखा परीक्षा को प्रस्तुत करने के मामलों की जांच के दौरान युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के प्रतिनिधियों से बातचीत की और उन्हें इस मामले में लगातार विलंब के मुद्दे की ओर इंगित किया था। समिति ने कहा कि मुख्यत: कर्मचारियों की कमी के कारण संगठनात्मक स्तर पर आंकड़ों के संकलन में देरी और नियंत्रक एवं महालेखा (सीएजी) की लेखापरीक्षा में विलम्ब के कारण वार्षिक रिपोर्टें प्रस्तुत करने में देरी होती है।

समिति ने कर्मचारियों की कमी दूर करने और कंप्यूटरीकरणम के काम में तेजी की सिफारिश करने के साथ साथ आंकड़ों के संकलन, उनको अंतिम रूप देने, कैग से लेखापरीक्षा, अनुमोदन एवं अनुवाद तथा मुद्रण एवं प्रस्तुतीकरण तक प्रत्येक चरण के काम को पूरा करने के लिए व्यावहारिक समय सारिणी तैयार करने और उसे लागू करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में टिप्प्णी की गयी है कि मंत्रालय की वेबसाइट पर अंतिम बार रखा गया वार्षिक प्रतिवेदन अभी केवल 2018-19 का ही उपलब्ध है तथा 2019-20 के वार्षिक प्रतिवेदन/ संपरीक्षित लेखा 22 दिसंबर 2021 में मंत्रालय की वेबसाइट पर रखी गयी थीं पर उनका हिंदी संस्करण आनलाइन उपलब्ध नहीं है। रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि जांच में पाया गया कि संगठन के 2018-19 के प्रतिवेदन को तैयार करने में जून 2019 से मार्च 2021 तक दो वर्ष का समय लग गया था।

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