नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आर्थिक संकट से जुझ रहे पड़ोसी देश पाकिस्तान की मदद करने से इनकार करते हुए कहा कि इस्लामाबाद को पहले आतंकवाद के मुद्दे का समाधन करना चाहिए। पुणे में विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित वार्षिक एशिया आर्थिक संवाद में जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाला आतंकवाद एक मूलभूत मुद्दा है जिसकी भारत अनदेखी नहीं कर सकता और न ही करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर मुझे कोई बड़ा फैसला लेना है, तो मैं यह भी देखूंगा कि जनता की भावना क्या है। मैं सबसे पहले नब्ज टटोलूंगा कि मेरे लोग इसके बारे में क्या महसूस करते हैं और मुझे लगता है कि आपको इसका जवाब पता है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश कभी भी मुश्किल स्थिति से बाहर नहीं निकल सकता और एक समृद्ध शक्ति नहीं बन सकता, अगर उसका मूल उद्योग आतंकवाद है।
उन्होंने सुझाव दिया कि आतंकवादी समूहों को पड़ोसी देश का समर्थन ही उसकी आर्थिक समृद्धि के लिए बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि जब कोई देश किसी गंभीर आर्थिक समस्या में फंसता है तो उस देश को खुद को इससे बाहर निकालने के लिए नीतिगत विकल्प और शासन के फैसले लेने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि अन्य देश समस्या का समाधान नहीं कर सकते हैं यदि वह देश स्वयं इसका समाधान करने के लिए तैयार नहीं है और दुनिया क्या कर सकती है कि वह विकल्प और समर्थन दे सकती है।