राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बेंगलुरु में किया दूसरे सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन रोड शो का शुभारंभ
सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसरों का सृजन, प्रधानमंत्री का विजन है: राज्यमंत्री
- सेमीकॉनइंडिया फ्यूचरडिजाइन स्टार्टअप्स की शक्ति से वैश्विक सेमीकॉन प्रमुख कर पाएंगे नवाचार करने की अपनी क्षमता का विस्तार
- चिप-इन सेंटर का हुआ शुभारंभ, देशभर में चिप-डिजाइनरों के लिए वन-स्टॉप सेंटर के तौर पर करेगा काम
- घोषित डीएलआई स्कीम के तहत स्टार्टअप्स का किया गया चयन
बेंगलुरु। केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान में दूसरे सेमीकॉन इंडिया फ्यूचरडिजाइन रोड शो का शुभारंभ किया, जिसका मकसद सेमीकंडक्टर क्षेत्र में स्टार्टअप्स, अगली पीढ़ी के इनोवेटर्स को प्रोत्साहन प्रदान करना एवं और बिजनेस लीडर्स को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित करना है।
इस अवसर पर श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारत ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चेन में तेजी से उभर रहा है और देश में तेजी से हो रहे डिजिटलीकरण एवं नवाचारी अर्थव्यवस्था के विकास से सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स की नई वैश्विक व्यवस्था में अवसरों का सृजन हुआ है।
उन्होंने तीन रुझानों की चर्चा की, जो मौजूदा दौर में दिखाई दे रहे हैं। पहला, डिजिटलीकरण में तेजी आई है और दुनियाभर की सरकारें तेजी से डिजिटलीकरण को अपना रही हैं। दूसरा, हम बदलाव के मोड़ पर हैं, और तीसरा, प्रतिभा, वैश्विक उत्पादों, डिजिटल उत्पादों और सेवाओं के प्रदाता के तौर पर भारत दुनिया के लिए भरोसेमंद भागीदार बन रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवा भारतीयों के लिए अवसरों का विस्तार करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं और सेमीकंडक्टर फ्यूचर डिजाइन उसमें अवसरों का एक क्षेत्र है।
भारत में सेमीकंडक्टर नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को सहायता प्रदान करने के लिए सरकार की कुछ पहलों को रेखांकित करते हुए, श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इंडिया सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर (आईएसआरसी) जल्द ही लांच किया जाएगा जो उद्योग आधारित एक निजी अनुसंधान केंद्र होगा। उन्होंने बताया कि सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला का आधुनिकीकरण किया जा रहा है जो शोध फैब का प्रमुख आधार बनेगा और इसे आईएसआरसी के साथ सह-निर्धारित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, सरकार भविष्य के कौशल कार्यक्रम के तहत एक शैक्षिक पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है। राज्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह उद्योग के विशेषज्ञों और शिक्षाविदों के सहयोग से विकसित किया गया है। काफी सारी कॉलेजों में वीएलएसआई में नई डिग्री, नए ऐच्छिक और प्रमाणन कार्यक्रम होंगे। हम सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में छात्रों के लिए नौकरी के दौरान प्रशिक्षण की तरह इंटर्नशिप तैयार करने के लिए फैब कंपनियों के साथ सक्रियता के साथ काम कर रहे हैं।’’
राज्यमंत्री ने बेंगलुरू स्थित सी-डैक इंडिया में चिप-इन सेंटर लांच करने की भी घोषणा की, जो देश के फैबलेस चिप डिजाइनरों को सेमीकंडक्टर डिजाइन टूल्स, फैब एक्सेस, वर्चुअल प्रोटोटाइप एचडब्ल्यू लैब एक्सेस प्रदान करने के लिए वन-स्टॉप सेंटर के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इंडिया एआई डेटासेट कार्यक्रम जल्द ही शुरू होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा डेटासेट प्रोग्राम होगा जो इंटेलिजेंट कंप्यूट, एआई कंप्यूट, डिवाइस और सिस्टम डिजाइन इकोसिस्टम को प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
भारतीय स्टार्टअप्स और दुनिया की बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनियों के बीच सहयोग की संभावना पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया की प्रमुख सेमीकॉन कंपनियां सेमीकॉनइंडिया फ्यूचरडिजाइन स्टार्टअप्स की ताकत के माध्यम से सामान्य नवाचार की परिधि से ज्यादा नवाचार करने की अपनी क्षमता बढ़ा सकती हैं।
श्री राजीव चंद्रशेखर ने डीआईआर-वी (डिजिटल इंडिया आरआईएससी-वी माइक्रोप्रोसेसर प्रोग्राम) के संबंध में भारत की आकांक्षाओं को भी रेखांकित किया। इससे इस वर्ष शक्ति और वेगा आरआईएससी-वी प्रोसेसर और वाणिज्यिक ग्रेड के भारतीय प्रोसेसर जैसे भविष्य के लिए डिजाइन विन विकसित करने, सिलिकाॅनाइज करने और बनाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम आरआईएससी-वी के आसपास एक व्यापक आर्किटेक्चर तैयार कर रहे हैं जिसका मकसद भारत को दुनिया के लिए आरआईएससी-वी प्रतिभा केंद्र बनाना है।’’
इस अवसर पर एक संवाद सत्र का भी आयोजन किया गया जिसमें आईटी राज्यमंत्री ने लोगों के सवालों का जवाब दिया।
श्री राजीव चंद्रशेखर ने सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन डीएलआई योजना के तहत चयनित स्टार्टअप्स के पहले सेट की घोषणा की। चयनित स्टार्टअप्स में वर्वेसेमी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक प्राइवेट लिमिटेड, फर्मियोनिक डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड और डीवी2जेएस इनोवेशन लिमिटेड शामिल हैं। इन स्टार्टअप्स के प्रमुखों ने डॉ. शैलेश चिट्टीपेड्डी, अध्यक्ष, जीएम और रेनेसास इलेक्ट्राॅनिक्स बोर्ड के सदस्य और श्री आनंद राममूर्ति, एमडी, माइक्रोन टेक्नोलॉजी इंडिया सहित उद्योग जगत के कई नेताओं के साथ बातचीत की।
इस योजना का उद्देश्य एकीकृत सर्किट (आईसी), चिपसेट, सिस्टम ऑन चिप्स (एसओसी), सिस्टम और आईपी कोर और सेमीकंडक्टर लिंक्ड डिजाइन के विकास और विस्तार के विभिन्न चरणों में पांच साल की अवधि के लिए वित्तीय प्रोत्साहन के साथ-साथ डिजाइन इंफ्रास्ट्रक्चर समर्थन प्रदान करना है।
बताते चलें कि देश में पहले सेमीकंडक्टर फ्यूचर डिजाइन रोड शो का आयोजन पिछले साल गुजरात स्थित कर्णावती विश्वविद्यालय में किया गया था।