नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नयी टिहरी में सरकारी आवासों में काबिज अवैध कब्जेदारों के खिलाफ चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई करने और निर्धारित किराया वसूलने के सरकार को आदेश दिये हैं। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की युगलपीठ ने टिहरी के सामाजिक कार्यकर्ता सुनील प्रसाद भट्ट की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद ये आदेश जारी किये हैं।
न्यायालय ने याचिका को भी पूर्ण रूप से निस्तारित कर दिया। वर्ष 2022 में पेश याचिका में कहा गया कि 1976 में सरकारी कर्मचारियों के लिए नयी टिहरी में पूल्ड हाउसिंग सोसाइटी के तहत आवास बनाये गये। तीन श्रेणियों में बनाये गये इन सैकड़ों आवास पर लंबे समय से अवैध व अपात्र लोग काबिज हैं।
इनमें कुछ गैर सरकारी लोग भी शामिल हैं। कुछ आवंटनकारियों की मौत हो गयी है लेकिन आवास पर आज भी ताला लटक रहा है। कुछ लोग सेवानिवृत्त हो गये जबकि कुछ स्थानांतरित होकर बाहर चले गये लेकिन इन आवासों पर आज भी उनका कब्जा है। याचिका में कहा गया है कि सरकार और प्रशासन भी इस मामले में कुछ नहीं कर रहा है।