नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा को ओडिशा का मुख्य न्यायाधीश बनाये जाने पर उन्हें फुल कोर्ट रेफरेंस दिया गया। साथ ही हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से भी उन्हें विदाई दी गयी।
मुख्य न्यायाधीश की अदालत में फुल कोर्ट रेफरेंस का आयोजन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने उनकी कार्यशैली और निर्णयों की सराहना की। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी इस मौके पर वर्चुअल रूप से जुड़े। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति मिश्रा ने थोड़े से कार्यकाल में छह हजार से अधिक वादों का निस्तारण किया।
इनमें से कुछ निर्णय न्यायिक जगत में हमेश याद किये जायेंगे। इस मौके पर न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा, न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा के अलावा रजिस्ट्रार जनरल विवेक भारती, महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, सीएससी चंद्रशेखर रावत, बार अध्यक्ष प्रभाकर जोशी व महासचिव विकास बहुगुणा, वरिष्ठ अधिवक्ता रावत, जिलाधिकारी डीएस गर्ब्याल व एसएसपी पंकज भट्ट के अलावा अनेक अधिवक्ता मौजूद रहे। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से भी हाल में आयोजित एक सादे समारोह में उन्हें भावभीनी विदाई दी गयी।
इस मौके पर उन्होंने उत्तराखंड में बिताये पलों को काफी अहम बताया और अधिवक्ताओं को कड़ी मेहनत करने की सीख दी। अधिवक्ताओं ने भी उनके महत्वपूर्ण उनकी कार्यशैली और मधुर व्यवहार के साथ अहम निर्णयों की भूरि भूरि प्रशंसा की। इस मौके पर उन्होेंने कहा कि उत्तराखंड में राजस्व कानून में सुधार की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत पिता की संपत्ति पर पुत्र का ही अधिकार है। इसमें पुत्रियों और विवाहित पुत्रियों को कोई अधिकार नहीं दिया गया है। उन्होंने हालांकि कहा कि यह मामला अभी उच्चतम न्यायालय में लंबित हैै। उन्होंने कहा कि इस मामले में उत्तराखंड सरकार को विचार करना चाहिए।