लखनऊ । केन्द्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डिजिटल तकनीक से आम जनजीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है और आज सरकार की योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ लोगों को मिल रहा है।
पहली जी20 डिजिटल इकॉनमी वर्किंग ग्रुप की बैठक को संबोधित करते हुये चंद्रशेखर ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में डिजिटल इंडिया की शुरुआत की थी जिसके तीन केंद्र बिंदु थे।
पहला टेक्नोलॉजी लोगों की लाइफ को बेहतर बनाए, दूसरा लोगों को अधिक अवसर उपलब्ध कराए और तीसरा ये हर एक के लिये सुलभ हो और किसी एक का इस पर एकाधिकार न हो। ये प्रधानमंत्री का विजन था जिसका नतीजा आज सब देख रहे हैं।
तकनीक के अभाव में हमारी पिछली सरकारें पंगु बनी रहीं। एक प्रधानमंत्री ने तो यहां तक कहा था कि हम दिल्ली से 100 रुपए देते हैं तो लाभार्थी तक 15 रुपए ही पहुंचते हैं। आज टेक्नोलॉजी के जरिए हम उस चुनौती को पीछे छोड़ने में कामयाब रहे।
आज डिजिटल टेक्नोलॉजी के जरिए 100 का 100 प्रतिशत लाभार्थी को मिल जाता है। आज इंटरनेट ने बाउंड्रीज को खत्म कर दिया है। समाज का हर व्यक्ति कम से कम पैसे में इसका इस्तेमाल कर सकता है।केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा ‘‘ हम ऐसे दौर में हैं, जहां हम टेक्नोलॉजी के प्रभाव को देख रहे हैं। लेकिन ये सिर्फ शुरुआत है।
ये डिकेड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बड़े निर्णयों वाला डिकेड होने वाला है।’’ इस अवसर पर केंद्र सरकार में भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि आज हर उद्योग, हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो रहा है।
स्वास्थ्य हो, कृषि हो, विनिर्माण हो, खुदरा कारोबार हो, बैंकिंग, वित्तीय सेवा या शिक्षा हो सभी जगह तकनीक की पहुंच है। अर्थव्यवस्था के तमाम क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के साथ ही नई तकनीकें भी सामने आ रही हैं जो कारो बार और सरकार के लिए महत्वपूर्ण हो गई हैं।
चाहे वो रोबोटिक्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तथा क्वांटम आदि इसके उदाहरण है। इनके उपयोग से उत्पादन प्रक्रिया उत्तम हुई है। उत्पाद परिष्कृत हुए हैं। इसके कारण चौथी डिजिटल क्रांति आई है जो भविष्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था और मनुष्य व मशीन के बेहतर संबंध के लिए अति महत्वपूर्ण है।
उन्होने कहा कि पिछले एक दशक में उद्योगों में निवेश लगभग दस गुना बढ़ा है जिसके 2025 में 200 अरब हो जाने की संभावना है। इस निवेश का एक बड़ा हिस्सा जी20 के देशों द्वारा ही किया जाना है। इसके लिए आवश्यक है कि उद्योगों में डिजिटल नवाचार को बढ़ावा दिया जाए।
उद्योगों और अर्थव्यवस्ता में आमूलचूल परिवर्तन के लिए आवश्यक्ता है कि सभी डिजिटल तकनीकों और डिजिटल रूप से सक्षम एक कार्यबल तैयार किया जाए। ये सभी मिलकर उद्योगों की आर्थिक वृद्धि में बेहतर योगदान कर सकने में सक्षम बनाएंगे।